यूपी की डिस्कॉम इस तरह बढ़ा रही प्रदूषण, दिल्ली एनसीआर की हेल्थ इमर्जेंसी से बेखबर
दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का स्तर 600 का भी स्तर पार कर गया है। प्रदूषण के धुंध की चादर इतनी घनी है कि करीब तीन दर्जन फ्लाइट दिल्ली से डायवर्ट करनी पड़ी लेकिन दिल्ली एनसीआर में हेल्थ इमर्जेंसी की स्थिति से निपटने के लिए पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम एवं नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) के आदेशों से बेपरवाह गाजियाबाद सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बिजली सप्लाई करने वाली पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लि. (पीवीवीएनएल) भी प्रदूषण बढ़ा रहा है।
जेनरेटरों पर रोक, अबाधित बिजली सप्लाई का आदेश
ईपीसीए ने दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए इस क्षेत्र में आने वाले सभी राज्यों की सरकारों और बिजली वितरण कंपनियों को 24 घंटे बिजली सप्लाई करा आदेश दिया है। बिजली जाने पर बहुमंजिला फ्लैटों और दूसरे मकानों में जेनरेटर के इस्तेमाल पर भी रोक लगाई है। आदेश के अनुसार बहुमंजिला इमारतों में लिफ्ट जैसी अनिवार्य सेवाओं के लिए डीजल से चलने वाले जेनरेटर चलाया जा सकता है। लेकिन फ्लैटों में पावर बैकअप नहीं देने की मनाही है। इसी वजह से उसने 24 घंटे बिजली सप्लाई सुनिश्चित करने का आदेश दिया था।
पीवीवीएनएल ने नहीं माना आदेश
लेकिन पीवीएनएनएल ने एक नवंबर से आज तीन नवंबर तक करीद दर्जन भर क्षेत्रों में रोजाना करीब चार घंटे बिजली की सप्लाई बंद की। उसके चीफ इंजीनियर राकेश कुमार ने 26 अक्टूबर को सर्कुलर जारी करके जानकारी दी कि दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए 132 केवी की ट्रांसमिशन लाइनें शिफ्ट करने के लिए 33/11 केवी के दर्जन भर सब स्टेशन बंद रहेंगे। इस वजह से करीब एक चौथाई गाजियाबाद की बिजली सप्लाई बाधित हो गई।
हजारों फ्लैटों में ब्लैकआउट
चूंकि ईपीसीए ने जेनरेटर चलने और इससे बैकअप पावर सप्लाई देने पर पहले ही रोक लगा दी। इस वजह से हजारों फ्लैटों में ब्लैक आउट से लोग परेशान हो गए। कई सोसायटियों में लोग मैंटीनेंस स्टाफ से झगड़ते हुए भी दिखाई दिए। निवासियों का कहना है कि खासी रकम भरने के बाद भी बिल्डर द्वारा पावर बैकअप नहीं दिया जा रहा है। वैसे कई सोसायटियों में चोरी छिपे जेनरेटर चलने की भी बातें सामने आईं।
एमडी ने कहा- सुनिश्चित होगी अबाधित आपूर्ति
इस मामले में जब पीवीवीएनएल के मैनेजिंग डायरेक्टर अरविंद मलप्पा बांगड़ी ने आउटलुक को बताया कि डिस्कॉम के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश हैं कि दिल्ली एनसीआर में इमर्जेंसी की स्थिति को देखते हुए किसी भी हालत में बिलजी की सप्लाई न रोकी जाए। अगर कोई काम होना है तो उसे भी टाल दिया जाए। वह इस मामले पर संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अगर आगे से बिजली कटौती नहीं होगी, वह इसे हर हाल में सुनिश्चित करेंगे।
साहिबाद क्षेत्र के अत्यधिक प्रदूषण की वजह यह भी
ईपीसीए ने दिल्ली एनसीआर के सात क्षेत्रो की पहचान की हैं जहां प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा है। इन सात क्षेत्रों में से एक गाजियाबाद का साहिबाद है। पीवीवीएनएल को ट्रांसमिशन लाइनों को शिफ्ट करना है, ये लाइनें साहिबाबाद क्षेत्र के सब स्टेशनों की ही हैं। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का निर्माण होने के कारण पहले ही यहां प्रदूषण ज्यादा है। पीवीवीएनएल के ऐसे कार्यों से पर्यावरण और घातक बनता जा रहा है।