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22 December 2017

यूपी: क्रिश्चियन स्कूलों को क्रिसमस ना मनाने की चेतावनी देने वालों पर अदालत का सख्त रुख

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उत्तर प्रदेश की एक अदालत ने हिंदू जागरण मंच (एचजेएम) के पांच नेताओं पर क्रिसमस के दिन मिशनरी स्कूलों और चर्चों के आसपास आने पर रोक लगा दी है।

टेलीग्राफ के मुताबिक अलीगढ़ की अतिरिक्त सिटी मजिस्ट्रेट रेणु सिंह ने इन नेताओं को 25 दिसंबर के दिन स्कूलों और चर्चों से 500 मीटर दूर रहने का आदेश जारी किया है। इस तरह रोक के आदेश सीआरपीसी धारा 107, 111 और 116 के तहत जारी किए गए हैं, जो "शांति का उल्लंघन या सार्वजनिक शांति में गड़बड़ी की रोकथाम" से संबंधित है।

अदालत के नोटिस में कहा गया है कि यदि वे मिशनरी स्कूलों और चर्चों के 50 मीटर की दूरी के भीतर दिखाई दे रहे हैं तो क्रिसमस के जश्न के दौरान किसी भी अशांति के लिए इन पांच नेताओं को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।

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वहीं संगठन की अध्यक्ष सोनू सविता का कहना है कि उनके संगठन को केवल उन स्कूलों से आपत्ति है जो क्रिससम पर हिंदू छात्रों को सैंटा क्लॉज की तरह कपड़े पहनने के लिए कहते हैं। सविता ने कहा, “हम ईसाइयों को क्रिसमस मनाने से रोकना नहीं चाहते। लेकिन मिशनरी स्कूलों को हिंदू छात्रों पर जश्न मनाने के लिए जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए।”

बता दें कि पिछले दिनों हिंदू जागरण मंच की ओर से क्रिश्चियन स्कूलों को क्रिसमस ना मनाने की चेतावनी जारी की गई। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, हिंदू जागरण मंच ने यह दावा किया कि क्रिश्चियन स्कूलों में अधिकांश हिंदू छात्र पढ़ते हैं और इस तरह की क्रियाकलाप उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए बाध्य करता है। हिंदू जागरण मंच के शहर अध्यक्ष सोनू सविता ने दावा किया कि क्रिस्चन स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों से क्रिसमस मनाने के लिए खिलौने और उपहार लाने को कहा जाता है। सविता ने कहा कि इस तरह की कवायद छात्रों को क्रिश्चियन धर्म की तरफ लुभाने के लिए की जाती हैं।

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TAGS: UP, The court's strict stand, not to christmas, Christian schools
OUTLOOK 22 December, 2017
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