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07 November 2022

यूपीए ने कहा- सरकार को अपदस्‍थ करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का हो रहा दुरुपयोग, रघुवर बोले- राष्‍ट्रपति शासन लगे

file photo

रांची। झारखंड में सत्‍ताधारी यूपीए नेताओं ने राजभवन के समक्ष धरनादेकर राष्‍ट्रपति के नाम पत्र भेजा और कहा कि राज्‍य सरकार को अपदस्‍थ करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। वहीं भाजपा ने हेमन्‍त सरकार की विफलताओं को लेकर प्रखंडों में विरोध प्रदर्शन किया। तो पूर्व मुख्‍यमंत्री रघुवर दास ने राज्‍यपाल को पत्र लिखकर हेमन्‍त सोरेन पर ईडी को सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया और सरकार की अराजक कार्रवाई को देखते हुए यहां राष्‍ट्रपति शासन लगाने का आग्रह किया।
राजभवन के सामने धरना देने के बाद राष्‍ट्रपति के नाम भेज गये ज्ञापन में यूपीए नेताओं ने कहा कि प्रतिकूल परिस्थितियों के बीच हमारी सरकार ने जनभावनाओं के अनुरूप काम करना शुरू किया तो भाजपा जिम्‍मेवार विपक्ष की भूमिका अदा करने के बदले चुनी हुई सरकार को अपदस्‍थ करने में जुट गई। इसके लिए विधायकों को तोड़ने के प्रयास से लेकर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का सिलसिला जारी है। गठबंधन की सरकार को अस्थिर करने के लिए चुनाव आयोग, ईडी, आयकर आदि की गतिविधियां तेज हो गई हैं। केंद्रीय एजेंसियों की पिछले छह माह की भूमिका पर नजर दौड़ायें तो जाहिर हो जायेगा कि उनका एकमात्र मकसद चुनी हुई सरकार को गिराना है। हमारे लोकप्रिय नेता को प्रताड़ति करना है। हर गोपनीय गतिविधियों की जानकारी भाजपा नेता के टि्वट से मिलती है। राष्‍ट्रपति से आगह किया गया है कि झारखंड की चुनी हुई सरकार को गलत तरीके से अपदस्‍थ करने की कार्रवाई पर रोक लगायें। कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष राजेश ठाकुर, झामुमो सांसद महुआ माजी, कांग्रेस के मंत्री बादल पत्रलेख, जरनाथ महतो झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य, विनोद पांडेय सहित कई विधायकों, जिलाध्‍यक्षों के हस्‍ताक्षर हैं।
इधर भाजपा के राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष पूर्व मुख्‍यमंत्री रघुवर दास ने राज्‍यपाल को पत्र भेजकर भ्रष्टाचार के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन पर मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन द्वारा जांच में सहयोग नहीं करने, मजमा लगाकर झारखंड की जनता को गुमराह करने, अपने कार्यकर्ताओं को हिंसा भड़काने के लिए उकसाने का आरोप लगाते हुए राज्‍य में राष्‍ट्रपति शासन लगाने का आग्रह किया है। कहा कि समन के लिए निर्धारित तिथि से 1 दिन पहले अपने आवास के बाहर हजारों की संख्या में अपने कार्यकर्ताओं को बुलाकर प्रदर्शन में हिस्सा लिया और भीड़ को संबोधित करते हुए ललकारा। मुख्यमंत्री आवास क्षेत्र की विधि व्यवस्था काफी मुस्तैद होती है और हजारों की संख्या में लोगों का जुटान बगैर मुख्यमंत्री कार्यालय अथवा मुख्यमंत्री के सहमति के संभव नहीं है। अतः ऐसा कहा जा सकता है कि मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन के द्वारा जानबूझकर ऐसा संवैधानिक संकट पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है कि उनके तथाकथित समर्थक हिंसक हो जाए और प्रवर्तन निदेशालय को दबाव में लेकर दिग्भ्रमित किया जा सके।

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OUTLOOK 07 November, 2022
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