यूपी में सीएए हिंसा पर योगी सरकार की कार्रवाई, पीएफआई के 25 सदस्य गिरफ्तार
यूपी पुलिस ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े 25 लोगों को गिरफ्तार किया है। राज्य के अलग-अलग हिस्सों से यह गिरफ्तारी हुई है। यूपी में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में पीएफआई का नाम प्रमुखता से सामने आया था। इससे पहले यूपी सरकार ने पीएफआई को बैन करने को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय को लिखा भी था।
आईजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रवीण कुमार ने बताया कि पीएफआई से जुड़े 25 व्यक्तियों को विभिन्न आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। वहीं, यूपी के मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के प्रतिबंध के बाद एक नया संगठन पोपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (पीएफआईI) बना। जो लोग सिमी से जुड़े थे, वे युवाओं को कट्टरपंथी बनाना चाहते हैं और उन्हें आतंकवाद की ओर धकेलना चाहते हैं।
गृह मंत्रालय से की थी बैन लगाने की सिफारिश
हाल ही में नागरिकता संशोधन कानून पर प्रदेश भर में हिंसा में शामिल होने के सबूतों की बात कहते हुए डीजीपी मुख्यालय ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश गृह मंत्रालय को भेजी थी। यूपी पुलिस का कहना है कि उसने 'पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया' (पीएफआई) को सूबे में बैन करने की रणनीति तैयारी कर ली है। जब तक पीएफआई को काबू नहीं किया जाएगा, तब तक बे-वजह के बवाल-हिंसा होते रहेंगे।
दंगा फसाद में मिले सबूत
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के दौरान फसाद तो देश के कई हिस्सों में हुए। देश की राजधानी दिल्ली के जामिया नगर, जाकिर नगर, सीलमपुर-जाफरबाद, दरियागंज इलाके भी जले। फिर यूपी पुलिस ही पीएफआई को लेकर इतनी सख्त क्यों? इस सवाल पर सूबे के पुलिस महानिदेशक ने कहा कि इन दंगा-फसाद में यूपी पुलिस के पास इतने सबूत-गवाह आ चुके हैं, जो पीएफआई को पाबंद (प्रतिबंधित) कराने के लिए पर्याप्त हैं।