मेरठ मामला: चार दिन बाद दर्ज हुआ 18 विहिप कार्यकर्ताओं पर केस, कोई गिरफ्तारी नहीं
उत्तर प्रदेश के मेरठ में मेडिकल छात्र-छात्रा की पिटाई का वायरल वीडियो यूपी पुलिस की साख पर बट्टा लगा रहा है। यह पहली घटना नहीं है कि जब यूपी पुलिस की इस स्तर पर छिछालेदर हुई हो, पुलिस की अमानवीय चेहरे की अधिकतर घटनाएं अमूमन सामने आती रहती हैं, लेकिन यूपी पुलिस इससे उबर नहीं पा रही है। आला अधिकारी भी महज बयानबाजी कर पल्ला झाड़ लेते हैं, अगर इन घटनाओं को गंभीरता से लिया जाए तो यूपी पुलिस अपनी साख को बचा सकती है।
मेरठ की मेडिकल छात्रा की वायरल वीडियो और इसके बाद युवक की वायरल वीडियो ने पुलिस के अमानवीय चेहरे को सामने ला दिया है। हालांकि मामले में चार दिन बाद पुलिस को विहिप कार्यकर्ताओं के खिलाफ केस दर्ज करने की उस वक्त याद आई, जब पुलिस के हाथों छात्रा की पिटाई का वीडियो वायरल हो गया।
चार दिन बाद दर्ज हुआ 18 विहिप कार्यकर्ताओं पर केस, गिरफ्तारी नहीं
कथित लव जिहाद के बहाने घर में घुसकर मेडिकल छात्र-छात्रा के साथ मारपीट और अभद्रता करने के मामले में विश्व हिंदू परिषद के नेता मनीष लोहिया समेत 18 कार्यकर्ताओं को मुकदमे में नामजद किया है और 20-25 कार्यकर्ता अज्ञात हैं। मेरठ जिले के मेडिकल थाने के सब-इंस्पेक्टर प्रमोद कुमार की ओर से दर्ज मुकदमे में आरोप है कि विहिप कार्यकर्ताओं ने संगठन के प्रांत प्रमुख मनीष लोहिया के नेतृत्व में जागृति बिहार स्थित उस घर में जबरन एंट्री की जहां मेडिकल छात्र रहता है और वारदात के वक्त छात्रा वहां आई हुई थी।
आरोप है कि छात्र को लव जिहादी बताकर उनके साथ मारपीट की गई और छात्रा के साथ मारपीट के अलावा अभद्रता हुई। घर में घुसे विहिप कार्यकर्ताओं ने दोनों को जान से मारने की धमकी भी दी। पुलिस ने आईपीसी की धारा 147, 323, 452, 298, 504 व 506 के तहत केस दर्ज किया है।
पुलिस ने कहा, गिरफ्तारी की कोशिश जारी
मेरठ के एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने बताया कि विहिप कार्यकर्ताओं के खिलाफ केस दर्ज करके मामले की जांच शुरू कर दी गई है, जो अज्ञात हैं उनकी पहचान कराई जा रही है और जिन्हें पुलिस पहचान पाई है उनकी गिरफ्तारी की कोशिश की जा रही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए सख्त कार्रवाई की जाएगी।
तीन पुलिसकर्मी हुए थे निलंबित
डीआईजी लॉ एंड आर्डर प्रवीन कुमार का कहना है कि पुलिस कर्मियों को लगातार इस बात की एडवाईजरी जारी की जाती है, लेकिन जब भी इस तरह की कोई घटना होती तो उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही भी की जाती है। मेरठ के मामले में भी तीनों पुलिस कर्मियों को निलंबित किया गया है। साथ ही होमगार्ड को बर्खास्त करने की प्रक्रिया चल रही है।
दागी पुलिस कर्मियों के हौसले बुलंद
यूपी पुलिस में दागी अफसरों से लेकर पुलिस कर्मियों की कमी नहीं है। कई वाकये ऐसे भी सामने आए हैं जिसमें कार्यवाही होने के कुछ दिन बाद ही बहाल होकर दोबारा नौकरी में मशगूल हो जाते हैं। इससे इनके हौसले बुलंद हो जाते हैं, लेकिन निलंबन के बजाय बर्खास्तगी की कार्यवाही हो तो पुलिस पर भी शिकंजा कसेगा।