उत्तराखंड: विधानसभा में 258 नियुक्तियां निरस्त
उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट के आधार पर स्पीकर ऋतु खंडूड़ी ने विस में 258 नियुक्तियों को निरस्त कर करने की बात करते हुए गेंद सीएम पुष्कर सिंह धामी के पाल में डाल दी है। इस मामले में सबसे अहम सवाल यह है कि पूर्व स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल और प्रेमचंद अग्रवाल पर कोई एक्शन क्यों नहीं। क्या इन दोनों ने मनमानी नियुक्तियां करके युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ नहीं किया है।
स्पीकर खंड़ूड़ी ने आज प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि 2016, 2020 और 2021 में हुईं नियुक्तियों को उन्होंने रद करने का फैसला किया है। इन नियुक्तियों को सरकार का अनुमोदन है। लिहाजा अनुमोदन निरस्त करने का वे सरकार से आग्रह कर रही है।
यहां बता दें कि सीएम धामी शुरुआत से ही स्पीकर से आग्रह कर रहे थे कि अगर नियुक्तियों में गड़बड़ी हुई है तो उन्हें निरस्त किया जाए। स्पीकर ने अब गेंद सरकार के पाले में डाल दी है।
इधर, एक सवाल तेजी से उठाया जा रहा है। स्पीकर ने एक झटके में 258 लोगों को बेरोजगार कर दिया है। लेकिन इनके भविष्य से खिलवाड़ करने वाले दोनों पूर्व स्पीकर कुंजवाल और अग्रवाल पर कोई आंच तक आती नहीं दिख रही है। बेरोजगार युवा हर उस स्थान पर ठोकर खाता है, जहां उसे नौकरी की आस दिखती है। लेकिन नौकरी देने वालों को तो पता होना चाहिए कि क्या सही है और क्या गलत। जिन लोगों की आज नौकरी गई है, उनमें से तमाम तो नौकरी अधिकतम आयु सीमा को भी पार कर चुके होंगे। ऐसे में उनका भविष्य क्या होगा।
सोशल मीडिया में कहा जा रहा है कि दोनों पूर्व स्पीकरों कुंजवाल और अग्रवाल के खिलाफ भी कोई न कोई ऐसा एक्शन होना चाहिए। ताकि कोई भी माननीय सूबे के युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ न कर सके।