उत्तराखंड: टनल में फंसीं 40 जिंदगियां; सीएम धामी बोले-पीएम मोदी भी रख रहे नज़र
सिलक्यारा-डंडालगांव सुरंग के एक हिस्से के ढहने से पिछले दो दिनों से उसके अंदर फंसे 40 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए बचावकर्मियों ने मंगलवार को मलबे में बड़े व्यास के एमएस (माइल्ड स्टील) पाइप डालने की प्रक्रिया शुरू कर दी। इस बीच, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में उत्तरकाशी-यमुनोत्री मार्ग पर स्थित सिल्क्यारा सुरंग में फंसे 40 श्रमिकों को बचाने के लिए चल रहे अभियान की स्थिति की समीक्षा की।
इससे पहले, सीएम धामी ने कहा, "मैं स्थिति पर करीब से नजर रख रहा हूं। मैंने घटनास्थल का दौरा किया था, और मैंने अंदर फंसे लोगों के परिवार के सदस्यों से भी बात की। भोजन, अंदर फंसे लोगों को पानी और ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। पीएम मोदी भी स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं।"
#WATCH | Dehradun: On the Uttarkashi tunnel accident, Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami says, " I am closely monitoring the situation. I had visited the spot, and I also spoke to the family members of the people who're trapped inside...food, water and oxygen being supplied to… pic.twitter.com/ffD432WBCu
— ANI (@ANI) November 14, 2023
कमांडेंट एसडीआरएफ-उत्तराखंड, मणिकांत मिश्रा का कहना है कि उन्होंने सुरंग में फंसे श्रमिकों से बात की है और उन्होंने उन्हें आश्वासन दिया है कि सभी 40 श्रमिक अच्छा कर रहे हैं। मिश्रा ने कहा कि फंसे हुए मजदूरों को जल्द ही बचा लिया जाएगा। मिश्रा ने कहा कि आज श्रमिकों को आवश्यक खाद्य सामग्री और कुछ दवाएं उपलब्ध कराई गईं।
अधिकारियों ने बताया कि सिलक्यारा सुरंग के धंसाव वाले हिस्से में क्षैतिज ड्रिलिंग कर उसमें पाइप डाले जाएंगे ताकि उसके जरिए, अंदर फंसे श्रमिक बाहर आ सकें।
यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर रविवार की सुबह निर्माणाधीन सुरंग का सिलक्यारा की ओर से मुहाने से 270 मीटर अंदर करीब 30 मीटर का हिस्सा भूस्खलन से ढह गया था और तब से 40 श्रमिक उसके अंदर फंसे हुए हैं। उन्हें निकालने के लिए युध्दस्तर पर बचाव एवं राहत अभियान चलाया जा रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि 900 मिमी व्यास के पाइप और सुरंग के अंदर क्षैतिज ड्रिलिंग कर उन्हें मलबे में डालने के लिए आगर मशीन तड़के ही मौके पर पहुंचा दी गई है। उन्होंने बताया कि फिलहाल आगर ड्रिलिंग मशीन के लिए प्लेटफार्म बनाया जा रहा है। मौके पर जरूरी साजो सामान के साथ विशेषज्ञ व इंजीनियर भी पहुंच चुके हैं।
सुरंग में फंसे सभी श्रमिक सुरक्षित बताए जा रहे हैं जिन्हें लगातार ऑक्सीजन, पानी, सूखे मेवे सहित अन्य खाद्य सामग्री, बिजली आदि पहुंचाई जा रही है।
उत्तराखंड रवाना हुए झारखंड के अधिकारी
झारखंड सरकार के अधिकारियों का तीन सदस्यीय दल एक निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने के बाद फंसे श्रमिकों को बचाने में मदद करने के लिए उत्तराखंड रवाना हो गया है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के अधिशासी निदेशक कर्नल (सेवानिवृत्त) संदीप सुदेहरा ने बताया कि बचावकर्मियों ने सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों से पाइप के द्वारा संपर्क स्थापित किया और उन्हें भरोसा दिलाया कि विभिन्न एजेंसियां उन्हें बाहर निकालने के लिए दिन-रात काम कर रही हैं। उन्होंने बताया कि इससे श्रमिकों का मनोबल ऊंचा हुआ है।
आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने उम्मीद जताई कि मंगलवार रात या बुधवार तक सभी श्रमिकों को सकुशल बाहर निकाल लिया जाएगा।
उत्तरकाशी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी आर सी एस पंवार ने कहा कि सुरंग के पास एक छह बिस्तरों का अस्थाई चिकित्सालय तैयार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा मौके पर 10 एंबुलेंस के साथ मेडिकल टीमें भी तैनात कर दी हैं जिससे फंसे श्रमिकों को बाहर निकलने पर उन्हें तत्काल चिकित्सीय मदद दी जा सके।