उत्तराखंड: तीरथ मंत्रिमल में गढ़वाल क्षेत्र का दबदबा, क्या साधना चाहते हैं नए मुख्यमंत्री
देहरादून। उत्तराखंड में सियासी गतिविधियां खासी तेज हैं। आज तीरथ कैबिनेट के विस्तार के बाद साफ हो गया है कि सत्ता और संगठन में गढ़वाल का दबदबा है। साथ ही पौड़ी जनपद की सत्ता में हनक साफ दिखाई दे रही है। कुमाऊं और गढ़वाल ने दो-दो नए मंत्री बने हैं तो त्रिवेंद्र कैबिनेट के सात मंत्रियों को फिर से मौका दिया गया है। कैबिनेट विस्तार में कुमाऊं के दो और गढ़वाल के तीन जिलों के हाथ कुछ नहीं आया है।
राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने आज राजभवन में तीरथ सिंह रावत के सहयोगी मंत्रियों को शपथ दिलाई। शुक्रवार को सबसे पहले सतपाल महाराज और फिर बंशीधर भगत ने शपथ ली। इसके बाद डॉ. हरक सिंह रावत, बिशन सिंह चुफाल, यशपाल आर्य, अरविंद पांडेय, सुबोध उनियाल, गणेश जोशी, डॉ. धन सिंह रावत राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), रेखा आर्य राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), स्वामी यतीश्वरानंद राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) को राज्यपाल ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
आज दिनभऱ चले सियासी घटनाक्रम के बाद ये साफ हो गया है कि सत्ता और संगठन दोनों में गढ़वाल मंडल का दबदबा है। कुमाऊं से पांच मंत्री हैं तो गढ़वाल से मुख्यमंत्री तीरथ समेत सात नेताओं की हिस्सेदारी है। इसके साथ ही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का पद भी गढ़वाल के हिस्से में आया है। इस पद पर हरिद्वार के विधायक मदन कौशिक की ताजपोशी की गई है। अहम बात यह है कि इस बार भी कुमाऊं के चंपावत और बागेश्वर के साथ ही गढ़वाल के चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों को कोई प्रतिनिधित्व नहीं मिल सका है।