उत्तराखंड: मंत्री सुबोध उनियाल ने की सीआर का अधिकार देने की मांग
काबीना मंत्री सतपाल महाराज के बाद एक और काबीना मंत्री सुबोध उनियाल ने सचिवों की सीआर लिखने का अधिकार मंत्रियों को देने की मांग उठाई है।अहम बात यह भी है कि एक सचिव के पास कई-कई विभागों का प्रभार हैं। ऐसे में कौन मंत्री किस सचिव की सीआर लिखे यह सवाल भी खड़ा हो रहा है।
स्वतंत्र प्रभार वाली राज्यमंत्री रेखा आर्या और आईएएस अफसर षणमुगम के बीच उपजा विवाद अब तूल पकड़ता दिख रहा है। सबसे पहले काबीना मंत्री सतपाल महाराज ने इस विवाद में यह कहते हुए एंट्री मारी कि सचिवों की सीआर लिखने का अधिकार मंत्रियों को दिया जाना चाहिए। ऐसा होने पर ही अफसर मंत्रियों की बात को तव्वजो देंगे। अन्य राज्यों और केंद्र में यह व्यवस्था है। लेकिन उत्तराखंड में अभी यह अधिकार मुख्यमंत्री के पास है। यही वजह है कि मंत्रियों की बातों पर अफसर ध्यान नहीं देते हैं।
अब एक और काबीना मंत्री सुबोध उनियाल ने भी इसी तरह की बात की है।
एक न्यूज चैनल ने बातचीत में उनियाल ने कहा कि मुख्य सचिव को यह आदेश जारी करना चाहिए कि अफसर अपनी सीआर संबंधित मंत्री से ही लिखवाएं। इस तरह की मांग करने वाले सुबोध तीसरे मंत्री हैं। इससे पहले सतपाल महाराज और रेखा आर्या भी यही मांग कर चुकी है।
इस मामले का एक अहम पहलू और भी है। अगर मंत्रियों को यह अधिकार दिया भी जाता है तो यह कैसे तय होगा कि किस सचिव की सीआर कौन सा मंत्री लिखेगा। इसकी वजह एक आईएएस अफसर के पास कई-कई विभाग होना है। हालात यह है कि एक अफसर जिन विभागों का सचिव हैं तो उनके मंत्री अलग-अलग हैं। सीआर तो एक ही रिव्यु प्राधिकारी लिखेगा। ऐसे में यह कैसे तय होगा कि किस सचिव की सीआर कौन से विभाग का मंत्री लिखेगा। अब एक अफसर की सीआर दो या तीन मंत्री तो लिख नहीं सकते। माना जा रहा है कि आने वाले समय में यह विवाद अभी तूल पकड़ेगा।