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06 September 2022

खासा ‘सख्त’ होगा उत्तराखंड का नया भू–कानून, पहाड़ पर चकबंदी की भी प्रतिबद्धता

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जन आकांक्षाओं को पूरा करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं। सदियों पुरानी पहाड़ पर चकबंदी कराने की प्रतिबद्धता वे दिखा चुके हैं। भू-कानून में संशोधन का मसौदा उन्हें मिल चुका है। समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट भी तैयार हो रहा रहा है।

भू-कानून में संशोधन की मांग खासी तेज हो रही है। इस मामले में अब सीएम पुष्कर सिंह धामी के सामने इतिहास रचने का मौका है। यदि वे भू-कानून समिति की सिफारिशें लागू करते हैं, तो यह कानून पूर्व सीएम बीसी खंडूडी के समय से भी अधिक सख्त होगा। इससे राज्य में जमीनों की बंदरबांट पर रोक लगेगी। राज्य के लोग भूमिहीन नहीं हो पाएंगे। भूमाफिया से राज्य की जमीनें बच सकेंगी। अभी राज्य में नगर निगम सीमा से बाहर ग्रामीण क्षेत्र में बाहरी लोग 250 वर्ग मीटर भूमि से अधिक जमीन नहीं खरीद सकते। लेकिन कानून की खामियों के कारण लोग इसमें भी खेल कर रहे हैं। नए प्रस्तावित भू कानून में इस खेल को बंद करने का इंतजाम किया गया है। एक परिवार के सभी लोगों का आधार नंबर राजस्व खाते से लिंक कर फर्जीवाड़ा रोकने का उपाय सुझाया गया है।

इसी तरह राज्य में निवेश के नाम पर बड़ी बड़ी जमीनें घेरने वालों पर भी नकेल कसने का प्रावधान किया गया है। तय किया गया है कि इन जमीनों पर यदि कोई उद्योग या अन्य कोई गतिविधि होती है, तो 70 प्रतिशत रोजगार स्थानीय लोगों के लिए सुनिश्चित कराना होगा। कृषि और उद्यान के नाम पर कृषि भूमि लेकर होने वाले खेल पर भी रोक लगाने की व्यवस्था की गई है। लोगों की जमीन बची रहे, इसके लिए जमीन खरीदने की बजाय लीज पर देने का नियम प्रस्तावित किया गया है। पहाड़ों पर बढ़ते अवैध निर्माण से बने धार्मिक स्थलों पर भी नकेल कसने के प्रावधान किए गए हैं। राज्य के लोग भूमिहीन न हो, उनके हक हकूक सुरक्षित रहें, इसकी भी व्यवस्था प्रस्तावित भू कानून में की गई है। ऐसे में इन सिफारिशों को लागू कर पुष्कर धामी के सामने खुद को स्थापित करने का एक सुनहरा मौका है।

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सीएम धामी यह भी कह चुके हैं कि पहाड़ पर चकबंदी को लागू किया जाएगा। अभी पहाड़ पर खेती की जमीन छितरी है। इससे किसानों की फसल पैदा करने में तमाम दिक्कतें आ रही हैं। अगर चकबंदी लागू होती है तो पहाड़वासियों की सदियों पुरानी मांग पूरी होगी और खेती का विकास होगा।

इसी तरह से सीएम धामी समान नागरिक संहिता की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। इसका ड्राफ्ट तैयार करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन उन्होंने किया है। समिति की तीन से चार बैठकें हो चुकी हैं। माना जा रहा है कि यह समिति जल्द ही इसका ड्राफ्ट सीएम धामी को सौंप देगी। सीएम कह रहे हैं कि इस ड्राफ्ट का अध्ययन करने के बाद समान नागरिक संहिता को उत्तराखंड में लागू किया जाएगा। अगर धामी ऐसा कर पा

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TAGS: Uttarakhand, new land law, commitment of consolidation, Pushkar Singh Dhami
OUTLOOK 06 September, 2022
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