उत्तरकाशी टनल हादसा: मशीन में खराबी के बाद रुकी ड्रिलिंग, आज दोपहर तक निकाले जा सकते हैं मजदूर
उत्तरकाशी के सिल्क्यारा सुरंग में बीते 13 दिनों से मजदूर फंसे हुए हैं। उन्हें निकालने की कोशिशें लगातार जारी हैं। बताया जा रहा है कि मजदूर जहां पर फंसे हैं वहां तक पहुंचने में कुछ ही मीटर की खुदाई बची है, लेकिन गुरुवार रात मलबे की ड्रिलिंग के दौरान मशीन में आई खराबी के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन को रोकना पड़ा है। ड्रिलिंग के लिए जिस मंच पर उपकरण लगे हैं उसमें कुछ दरारें आ गईं जिसके बाद यह कदम उठाना पड़ा। अब सूचना मिल रही है कि ड्रिलिंग का दोबारा शुरू होने के बाद मजदूरों को आज दोपहर तक ही बाहर निकाला जा सकेगा।
इस बीच केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह (सेवानिवृत्त) सिल्कयारा सुरंग स्थल पर पहुंचे जहां फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान चल रहा है।
उत्तरकाशी सुरंग बचाव पर पीएमओ के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा, "अभी स्थिति काफी ठीक है। कल रात हमें दो चीज़ों पर काम करना था। सबसे पहले, हमें मशीन के प्लेटफॉर्म का पुनर्गठन कर दिया और इसके बाद पाइप पर जो थोड़ा दबाव था उसे काटने का काम चल रहा है ये पूरा हो जाने के बाद हम ऑगर ड्रिलिंग की प्रक्रिया शुरू करेंगे। पार्सन्स कंपनी ने ग्राउंड पेनेट्रेशन रडार से जो अध्ययन किया है उसे हमें पता चला कि अगले 5 मीटर तक कोई धातु अवरोध नहीं है। इसका मतलब है कि हमारी ड्रिलिंग सुचारू होनी चाहिए।..."
#WATCH उत्तरकाशी सुरंग बचाव पर PMO के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा, "अभी स्थिति काफी ठीक है। कल रात हमें दो चीज़ों पर काम करना था। सबसे पहले, हमें मशीन के प्लेटफॉर्म का पुनर्गठन कर दिया और इसके बाद पाइप पर जो थोड़ा दबाव था उसे काटने का काम चल रहा है ये पूरा हो जाने के बाद… pic.twitter.com/Opc2IhJbj8
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 24, 2023
अधिकारियों ने कहा कि बचावकर्मी ड्रिलिंग फिर से शुरू करने से पहले उस मंच को “स्थिर” करेंगे जिस पर 25 टन की ऑगर मशीन लगी हुई है।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने गुरूवार को कहा कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सुरंग में पिछले 12 दिनों से फंसे श्रमिकों को अगले कुछ घंटों या शुक्रवार तक बचाए जाने की संभावना है। हसनैन ने कहा, ''मुझे उम्मीद है कि अगले कुछ घंटों में या कल तक हम इस ऑपरेशन में सफल हो जाएंगे।''
बता दें कि 12 नवंबर को उत्तरकाशी के सिल्क्यारा में निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा धंस गया था और 41 मजदूर फंस गए थे। सिल्क्यारा सुरंग चार धाम परियोजना का हिस्सा है, जिसे हिमालयी भूविज्ञान की नाजुकता के कारण वर्षों से पर्यावरण संबंधी चिंताओं के कारण उठाया गया है। निर्माणाधीन सुरंग के 2 किमी लंबे हिस्से में मजदूर फंसे हुए हैं। उनके पास पानी तक पहुंच है और क्षेत्र में अच्छी रोशनी है क्योंकि घटना के समय बिजली कनेक्शन नहीं काटा गया था। पाइप के जरिए उन्हें खाना भी मुहैया कराया जा रहा है और वहां ऑक्सीजन भी पहुंचाई जा रही है।