डूसू चुनाव के लिए मतदान जारी, एनएसयूआई का एक उम्मीदवार हिरासत में
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू ) चुनाव 2019-20 के लिए कई दिनों से प्रचार में पसीना बहा रहे प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला गुरुवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में बंद हो जाएगा। शुक्रवार दोपहर 12 बजे मतगणना के बाद नतीजे जारी कर दिए जाएंगे। इस बार डूसू के दंगल में 16 प्रत्याशी किस्मत अजमा रहे हैं। इनके भविष्य का फैसला 1 लाख 44 हजार मतदाता करेंगे। चुनाव के लिए कुल 576 ईवीएम से वोटिंग होगी। प्रशासन ने मतदान के लिए 52 पोलिंग केंद्र बनाए हैं।
अभिषेक चपराना को पुलिस ने हिरासत में लिया
कांग्रेस से जुड़े राष्ट्रीय छात्र संगठन ने दावा किया कि एनएसयूआई ज्वाइंट सेक्रेटरी पद के उम्मीदवार अभिषेक चपराना को दयाल सिंह कॉलेज के बूथ तक जाने की अनुमति नहीं मिली। एनएसयूआई का आरोप है कि अभिषेक को अवैध तरीके से हिरासत में ले लिया गया है और उन्हें पोलिंग सेंटर पर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। हालांकि, पुलिस ने कहा कि वह कॉलेज के बाहर वोट मांग रहे थे, जिसकी अनुमति नहीं है। जब पुलिस ने उन्हे ऐसा करने को मना किया तो उन्होने पुलिसकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार किया इसलिए उन्हे हिरासत में लेना पड़ा।
पोलिंग सेंटर में सिर्फ कॉलेज के छात्र जा सकते हैं
आपको बता दें कि पोलिंग सेंटर पर और बूथ के अंदर मतदान के समय सिर्फ कॉलेज के छात्र जा सकते हैं। अगर किसी बाहरी शख्स को साथ ले जाने की कोशिश की जाए तो उसकी अनुमति नहीं दी जाती है। वोटिंग के लिए कॉलेज आईडी देखकर ही अंदर जाने दिया जाएगा। चुनाव शांतिपूर्वक कराने के लिए सभी कॉलेजों के मतदान केंद्रों पर पुलिस का भारी बंदोबस्त किया गया है। प्रशासन के विशेष दस्तों की चुनाव पर नजर रहेगी। लोकल पुलिस के अलावा पुलिस की अतिरिक्त कंपनियों को भी तैनात किया गया है। सोमवार को भी कैंपस में पुलिस की तैनाती रही।
पिछले साल एनएसयूआई ने जीता था एक पद
डूसू मुख्य चुनाव अधिकारी प्रो. अशोक प्रसाद के अनुसार, चुनाव के लिए सुबह की शिफ्ट के कॉलेजों में सुबह 8:30 से दोपहर 1:00 बजे तक व शाम की शिफ्ट वाले कॉलेजों में दोपहर 3:00 से शाम 7:00 बजे तक होगी। इस बार मतदाताओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। बीते साल 1 लाख 35 हजार वोटर थे, जो इस साल बढ़कर 1 लाख 44 हजार हो गए हैं। इस बार कॉलेज यूनियन के चुनाव के लिए 137 ईवीएम की व्यवस्था की गई हैं। मतदान के बाद ईवीएम सील कर दी जाएंगी। पिछले साल अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने तीन पद जीते थे जबकि एनएसयूआई ने एक पद जीता था।