हेलीकाप्टर मामले में जांच एजेंसी के सामने नहीं लिया किसी का नाम: मिशेल
अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पूरक चार्जशीट दायर करने के एक दिन बाद मामले में नया मोड़ आ गया। कथित बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल ने दिल्ली की एक अदालत को बताया कि उसने पूछताछ के दौरान जांच एजेंसी के समक्ष डील से जुड़े किसी भी शख्स का नाम नहीं लिया था। जबकि शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रैली में और भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसी चार्जशीट के सहारे कांग्रेस पर निशाना साधा था।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मिशेल ने शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत से कहा कि उसने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने जांच के दौरान किसी का भी नाम नहीं लिया है। मिशेल ने यह भी आरोप लगाया है कि सरकार राजनीतिक एजेंडे के लिए एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है।
इस तरह की खबरें आई हैं कि ईडी ने आरोप पत्र में विवादित रक्षा सौदे के लाभार्थियों के तौर पर पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के नेताओं, रक्षा कर्मियों, नौकरशाहों और पत्रकारों का नाम लिया है। इसके बाद मिशेल ने अदालत में आवेदन दायर किया है।
मिशेल के वकील विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार के समक्ष याचिका के साथ पेश हुए। न्यायाधीश ने जांच एजेंसी को नोटिस जारी किया और शनिवार तक जवाब मांगा, जब मामले की सुनवाई होगी। उसके वकील अल्जो के जोसेफ ने कहा, ‘‘ मिशेल ने जांच एजेंसी के सामने अपने बयान में किसी का नाम नहीं लिया है, जिसे मीडिया को लीक किया जा रहा है। यह सिर्फ मामले को सनसनीखेज बनाने और मेरे मुवक्किल के खिलाफ मामले को पूर्वाग्रह से ग्रस्त करने के लिये है।’’
‘आरोप पत्र मीडिया में किया गया लीक’
उन्होंने दावा किया कि बृहस्पतिवार को दायर हुए आरोप पत्र की प्रति मिशेल को देने से पहले मीडिया को दे दिया गया। उन्होंने सवाल किया कि अदालत द्वारा आरोप पत्र का संज्ञान लेने से पहले यह कैसे मीडिया को लीक हो गया। याचिका में कहा गया है कि न्यायाधीश द्वारा सुनवाई और स्वतंत्र तथा निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार को मीडिया के अधिकार पर तरजीह दी गई है और अदालत मीडिया की आजादी पर अस्थायी रूप से लगाम लगा सकती है। याचिका में कहा गया है, ‘‘अदालत का कर्तव्य है कि वह संतुलन बनाए। स्वतंत्र और निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए अदालत मीडिया की आजादी को अस्थायी रूप से कम कर सकती है।’’
‘ईडी को अदालत में निष्पक्ष सुनवाई में दिलचस्पी नहीं’
याचिका में दावा किया गया, ‘‘ अदालत द्वारा आरोप पत्र का संज्ञान लिया जाना बाकी है और ऐसा लगता है कि ईडी ने गुप्त रूप से इसकी एक प्रति मीडिया घरानों को मुहैया कराई है जो मुद्दे को सनसनीखेज बनाने और इसमें नामजद आरोपी के प्रति पूर्वाग्रह पैदा करने के लिए इसे किस्तों में प्रकाशित कर रहे हैं।’’ उसमें कहा गया है कि आरोप पत्र का चुनिंदा हिस्सा मीडिया ने प्रकाशित किया है जो स्पष्ट करता है कि ईडी को अदालत में निष्पक्ष सुनवाई में दिलचस्पी नहीं है बल्कि उसकी रुचि ‘मीडिया ट्रायल’ में है। याचिका में कहा गया है, ‘‘ ईडी न्यायिक प्रक्रिया का मखौल उड़ा रही है जिससे न्याय का मजाक बन गया है। प्रत्यर्पण संधि राजनीतिक अपराधों में शामिल आरोपियों के प्रत्यर्पण पर रोक लगाती है और सरकार अब राजनीतिक उद्देश्य से ईडी और सभी जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है। मीडिया घरानों को आरोप पत्र देना इसका बेहतरीन उदाहरण है।’’
‘जांच एजेंसी सरकार के हथियार की तरह काम कर रही है’
उसमें दावा किया गया, ‘‘ अभियोजन एजेंसी का कृत्य बेहद निंदनीय है और कानून की स्थापित प्रक्रिया के विपरीत है। जांच एजेंसी सरकार के जरिए एक हथियार के रूप में काम कर रही है।’’ याचिका में कहा गया है कि ऐसी शत्रुतापूर्ण टिप्पणियां मिशेल के स्वतंत्र एवं निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार को कम कर सकती हैं क्योंकि वह किसी अन्य देश का नागरिक है।
पीएम मोदी से लेकर जेटली ने साधा था निशाना
शुक्रवार को देहरादून में चुनावी रैली के दौरान पीएम मोदी ने ईडी की इसी चार्जशीट का जिक्र कर कांग्रेस को घेरा। उन्होंने कहा, 'इटली के मिशेल मामा और दूसरे दलालों से एजेंसियों ने कई हफ्ते पूछताछ की, जिसके आधार पर कोर्ट में एक चार्जशीट दायर की गई है।' उन्होंने आगे कहा, 'मैं मीडिया में देख रहा था कि हेलिकॉप्टर घोटाले के दलालों ने जिन लोगों को घूस देने की बात कही है उनमें से एक एपी हैं और दूसरा एफएएम हैं। इसी चार्जशीट में कहा गया है कि एपी का मतलब है अहमद पटेल और एफएएम का मतलब है फैमिली।'
वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर और साथ में फेसबुक पर ब्लॉग लिखकर कांग्रेस से इस चार्जशीट पर जवाब मांगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कई विषयों पर बोलते हैं और बेबुनियाद आरोप लगाते रहते हैं। एक ही विषय पर वह कुछ नहीं बोल रहे हैं जबकि उन्हें सच्चाई पता है। उन्होंने स्विट्जरलैंड में हैश्के की मां के घर से बरामद दस्तावेजों में मौजूद शॉर्ट फॉर्म पर राहुल से जवाब मांगा। उन्होंने सवाल किया कि RG, AP और FAM का जिक्र किसके लिए किया गया है?