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01 August 2025

मालेगांव विस्फोट मामले में मोहन भागवत को पकड़ने के लिए कहा गया था: पूर्व एटीएस अफसर का दावा

"पूर्व एटीएस अफसर ने आरोप लगाया कि आदेशों का पालन नहीं करने की वजह से उनके खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया गया, जिसने उनके 40 साल के करियर को बर्बाद कर दिया"

2008 के मालेगांव विस्फोट मामले की जांच करने वाले महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) का हिस्सा रहे एक पूर्व पुलिस अधिकारी ने दावा किया है कि उन्हें आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को पकड़ने के लिए कहा गया था।

इंस्पेक्टर रहे महिबूब मुजावर ने आरोप लगाया है कि इस आदेश का उद्देश्य यह स्थापित करना था कि 'भगवा आतंकवाद' है। 

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उन्होंने यह आरोप पूर्व भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर सहित सभी सात आरोपियों को बरी करने के निचली अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए लगाया।

उन्होंने सोलापुर में बोलते हुए कहा कि अदालत के फैसले ने एटीएस द्वारा किए गए "फर्जी कामों" को रद्द कर दिया है।

उल्लेखनीय है कि, शुरुआत में इस मामले की जांच एटीएस ने की थी, लेकिन बाद में इसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने अपने हाथ में ले लिया।

मुजावर ने एक वरिष्ठ अधिकारी का नाम लेते हुए कहा, "इस फैसले ने एक फर्जी अधिकारी द्वारा की गई फर्जी जांच को उजागर कर दिया है।"

मुजावर ने कहा कि वह 29 सितंबर 2008 को मालेगांव में हुए विस्फोट की जांच करने वाली एटीएस टीम का हिस्सा थे, जिसमें छह लोग मारे गए थे और 101 अन्य घायल हो गए थे। उन्होंने दावा किया कि उन्हें मोहन भागवत को ‘‘पकड़ने’’ के लिए कहा गया था।

उन्होंने कहा, "मैं यह नहीं कह सकता कि एटीएस ने तब क्या जांच की और क्यों... लेकिन मुझे राम कलसांगरा, संदीप डांगे, दिलीप पाटीदार और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत जैसी हस्तियों के बारे में कुछ गोपनीय आदेश दिए गए थे। ये सभी आदेश ऐसे नहीं थे कि कोई उनका पालन कर सके।"

मुजावर ने कहा कि वास्तव में उन्होंने उनका पीछा नहीं किया क्योंकि वे "भयावह" थे और उन्हें वास्तविकता पता थी।

उन्होंने आरोप लगाया, "मोहन भागवत जैसे विशाल व्यक्तित्व को पकड़ना मेरी क्षमता से बाहर था। चूंकि मैंने आदेशों का पालन नहीं किया, इसलिए मेरे खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया गया और इसने मेरे 40 साल के करियर को बर्बाद कर दिया।"

पूर्व पुलिस अधिकारी ने कहा कि उनके पास अपने दावों के समर्थन में दस्तावेजी सबूत हैं। मुजावर ने कहा, "कोई भगवा आतंकवाद नहीं था। सब कुछ फर्जी था।"

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TAGS: 2008 malegaon blast case, mohan Bhagwat, rss chief, former ATS officer claim, NIA court
OUTLOOK 01 August, 2025
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