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04 September 2016

1.5 लाख लीटर पानी की बर्बादी, सरकारी कर्मचारियों का वेतन नहीं बढ़ेगा

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कार्यवाहक नगर निगम प्रमुख, जिलाधिकारी पांडुरंग पोले ने जांच के बाद तीनों को यह सजा दी है। अपनी सफाई में, क्‍लास-वन अधिकारी ने लिखा कि घटना के लिए उसके दो अधीनस्‍थ जिम्‍मेदार हैं। हालांकि पोले ने पूरे मामले की जांच के बाद तीनों को पानी की बर्बादी के लिए जिम्‍मेदार ठहराया है।

करीब छह महीने के इंतजार के बाद लातूर के निवासियों को अगस्‍त की शुरुआत में नलों के जरिए पानी मिलना शुरू हुआ था। तब तक, रोज पश्चिमी महाराष्‍ट्र से 25 लाख लीटर पानी लेकर एक ट्रेन इस सूखाग्रस्‍त शहर आती थी। अब भी, हर 15 दिन में एक बार पानी से भरी ट्रेन यहां सप्‍लाई करती है। लातूर नगर निगम शहर को सप्‍लाई करने के लिए नागजरी और साई बैराज से पानी खींचता है, यही पानी छह ओवरहेड टैंकों में स्‍टोर किया जाता है।

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TAGS: सूखा, महाराष्‍ट्र, लातूर, सरकार, कर्मचारी, वेतन बढ़ोतरी, drought, Maharashtra, salary increment, government
OUTLOOK 04 September, 2016
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