टैंकर घोटाला: शीला दीक्षित के खिलाफ एफआईआर की तैयारी
दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष का भी पद संभाल रहे मिश्रा ने 19 जून को एक तथ्य अन्वेषण समिति गठित की थी ताकि 2012 में शीला दीक्षित सरकार के कार्यकाल के दौरान निजी कंपनियों से करीब 385 पानी के टैंकर भाड़े पर लिए जाने के मामले की जांच हो सके। यह कदम एेसे समय में उठाया गया है जब समिति ने दिल्ली जल बोर्ड को अपनी रिपोर्ट सौंपी। अपनी रिपोर्ट में समिति ने निविदा प्रक्रिया में कथित तौर पर अनियमितताएं पाई जिससे सरकार को 400 करोड़ रूपए का नुकसान हुआ।
मिश्रा ने केजरीवाल को भेजे गए पत्रा में लिखा है, यह रिपोर्ट अपने आप में सब कुछ बयान करती है और खुलासा करती है कि दिल्ली जल बोर्ड की तत्कालीन अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और बोर्ड के अन्य सदस्यों ने किस तरह बार-बार नियम-कायदों को ताक पर रखकर दिल्ली जल बोर्ड को 400 करोड़ रूपये का नुकसान पहुंचाया।
उन्होंने अनुरोध किया कि तथ्य अन्वेषण समिति की रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली सरकार की ओर से इस घोटाले में शामिल हर शख्स के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जानी चाहिए। मिश्रा ने यह आशंका भी जाहिर की कि इस बड़े खुलासे के कारण अब आप सरकार को अस्थिर करने और उन्हें अपने पद से हटाने की कोशिशें भी की जाएंगी।