Advertisement
20 April 2020

खराब टेस्टिंग किट की वजह से कोरोना वायरस की जांच में हो रही देरी: प. बंगाल सरकार

FILE PHOTO

पश्चिम बंगाल की सरकार की ओर से आरोप लगाया गया है कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) की ओर से सप्लाई की जा रही खराब टेस्टिंग किट की वजह से कोरोना वायरस के संक्रमण के लिए की जा रही जांच के परिणाम बिना किसी नतीजे के आ रहे हैं जिससे इस प्रक्रिया में देरी हो रही है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने आइसीएमआर से इस मामले की जांच करने को कहा है ताकि जांच में हो रही देरी की वजह से इस बीमारी के खिलाफ लड़ाई कमजोर न हो।

राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने ट्वीट कर कहा कि आइसीएमआर-एनआइसीईडी द्वारा सप्लाई किए गए खराब टेस्ट किट बार-बार गलत नतीजे दे रहे हैं जिस कारण मरीजों के इलाज में देरी आ रही है। कोलकाता का आइसीएमआर-एनआइसीईडी स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत आने वाला रिसर्च सेंटर हैं और पूर्वी भारत का क्षेत्रीय वायरस रिसर्च डायग्नोस्टक लैब भी है।

पश्चिम बंगाल में अभी तक कोरोना वायरस के 339 मामले सामने आए हैं जिसमें से अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है। बंगाल सरकार की ओर से लगाए इन आरोपों पर अभी तक आइसीएमआर की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। हालांकि इस पर कोलकाता शाखा के निदेशक ने कहा है कि इस मामले पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।

Advertisement

दुर्भाग्यपूर्ण है कि जांच किट इतने प्रमाणित नहीं कि वह सही रिजल्ट दें पाएं

वहीं राष्ट्रीय हैजा एवं आंत्र रोग संस्थान (NICED) की निदेशक डॉक्टर शांता दत्ता ने कहा है, 'यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि जांच किट इतने प्रामाणिक नहीं कि वह सही रिजल्ट दें पाएं। अब सभी मेडिकल कॉलेजों के लिए यह बहुत ही मुश्किल का काम है कि पहले वह इन किटों की गुणवत्ता की जांच करें।' उन्होंने कहा कि पहले जांच किट पुणे में बना जा रही थीं लेकिन जब मांग बढ़ने लगी तो सरकार को बाहर से मंगानी पड़ी और वही देश के 26 डीपो में भेजने लगी। बता दें कि एनआईसीईडी भी उन्हीं संस्थान में से एक है जो बंगाल के अलावा ओडिशा, अंडमान निकोबार में इन जांच किट की सप्लाई कर रही हैं

लॉकडाउन का ठीक से पालन नहीं कर रही है बंगाल सरकार- केंद्र का आरोप

बता दें कि कोरोना वायरस को लेकर केंद्र सरकार पहले ही पश्चिम बंगाल सरकार पर आरोप लगा चुकी है कि वह लॉकडाउन का ठीक से पालन नहीं कर रही है। वहीं, रविवार को भी कई चिकित्सीय समुदाय और विपक्षी पार्टियों ने दावा किया कि राज्य बहुत कम मामलों की जानकारी दे रहा है क्योंकि संक्रमण के लिए बहुत कम लोगों की जांच की जा रही है।

शनिवार तक राज्य में 233 मामले

शनिवार तक राज्य में कोविड-19 के 233 मामले सामने आए और 12 लोगों की मौत हुई जो महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों से बहुत कम है। राज्य में जो मौतें हुई हैं वे कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के चलते हुई हैं या पहले से जारी किसी गंभीर बीमारी के कारण हुई हैं, यह जांचने के लिए उनका इलाज करने वाले चिकित्सकों के बजा विशेषज्ञ ऑडिट समिति का गठन किया गया, जो राज्य सरकार के डेटा की विश्वसनीयता के बारे में संदेह पैदा कर रहा है।

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: West Bengal Health Department, alleges, defective, COVID-19 test kits, ICMR, behind testing, delays
OUTLOOK 20 April, 2020
Advertisement