सोनी सोरी को मिला राष्ट्रीय आदिवासी सम्मान
विशाखापट्टनम में केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने सोरी को राष्ट्रीय आदिवासी सम्मान से नवाजा। आदिवासी अधिकार मंच के इस कार्यक्रम में सीपीएम नेता वृंदा करात भी मौजूद थीं। आदिवासियों के पक्ष में लगातार उनके संघर्ष को देखते हुए उन्हें यह सम्मान दिया गया।
कौन है सोनी सोरी?
सोनी सोरी पेशे से बस्तर के एक स्कूल में शिक्षिका रहीं। उन्हें 5 अक्टूबर 2011 को माओवादियों के साथ संबंध होने के आरोप में दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस प्रताड़ना की वजह से हुईं चर्चित
सोनी सोरी तब अधिक चर्चित हुईं जब अक्टूबर 2011 में वे पुलिस प्रताड़ना का शिकार हुईं। हिरासत में लिए जाने के एक हफ्ते के भीतर ही सोरी ने ये इल्ज़ाम लगाया था कि पुलिस हिरासत में उनके साथ बलात्कार किया गया और उनके गुप्तांगों में पत्थर डाले गए। कोलकाता के एक अस्पताल के डॉक्टरों की टीम ने सुप्रीम कोर्ट को एक रिपोर्ट सौंपी जिसमें सोरी के जननांगों में बाहरी चीजें पाई गईं।
आठ मामलों में जमानत एक में बरी
सोनी सोरी के खिलाफ राज्य सरकार ने नक्सल गतिविधियों में शामिल होने के अलावा आठ अलग-अलग मामलों में मुकदमे दायर किए गए थे। सोनी पर लगाए गए आठ मामलों में से सात में वो बरी हो चुकी हैं और एक में उन्हें जजमानत मिली हुई है।
सोरी का लोकतांत्रिक संघर्ष
सोनी सोरी कई बार हमलों का शिकार हुई हैं। उन पर एसिड अटैक भी हुआ। पिछले लोकसभा चुनाव में वे आम आदमी पार्टी की ओर से उम्मीदवार के तौर पर राजनीति के मैदान में कदम रखीं, हलांकि उन्हें इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था।