सम-विषम योजना: हाईकोर्ट ने दिया दिल्ली सरकार को झटका
न्यायमूर्ति हिमा कोहली और सुनील गौड़ की पीठ ने कहा, एेसी छूट क्यों जरूरी है? इसका निर्देश लें। इसके साथ ही पीठ ने दिल्ली सरकार को एक जनवरी से 15 दिनों के लिए शुरू होने वाली योजना के दौरान चलने वाले वाहनों और प्रदूषण के स्तर के संबंध में आंकड़ें सौंपने को भी कहा।
हालांकि, अदालत ने दिल्ली निवासी करूणा चटवाल की याचिका पर कोई अंतरिम आदेश देने से इंकार कर दिया जिन्होंने महिला कार चालकों और दोपहिया वाहन चालकों की आवाजाही को नियंत्रित करने का निर्देश देने की अपील की गई है। अदालत ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया और उससे चटवाल की याचिका पर तीन दिन के भीतर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।
वकीलों को योजना से छूट देने की अधिवक्ता राहुल अग्रवाल की याचिका पर पीठ ने कहा कि यदि उसने उनको अपने वाहनों का इस्तेमाल करने की छूट दी तो इस अदालत में डाक्टरों और अन्य अधिकारियों की ओर से याचिकाओं की बाढ़ आ जाएगी जिन्हें छूट प्राप्त 25 श्रेणियों में शामिल नहीं किया गया है।
अदालत ने अधिवक्ता मनोज कुमार द्वारा गुंजन खन्ना के साथ संयुक्त रूप से दाखिल याचिका पर भी दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया। नोएडा से आने वाले याचिकाकर्ता गुंजन खन्ना ने राजधानी में प्रदूषण को नियंत्रित करने संबंधी 28 दिसंबर की सम-विषम योजना संबंधी अधिसूचना को चुनौती दी है।
स्कूल बसों का जबरन इस्तेमाल नहीं
दिल्ली हाईकोर्ट ने आज दिल्ली शिक्षा विभाग को उस याचिका पर जवाब देने का निर्देश दिया है जिसमें उसने निजी गैर सहायता प्राप्त स्कूलों को एक जनवरी से 15 जनवरी तक सम-विषम योजना लागू रहने के दौरान अपनी बसों को सार्वजनिक परिवहन के तौर पर चलाने के लिए उपलब्ध कराने के लिये कहा था।
न्यायमूर्ति हिमा कोहली ने शिक्षा विभाग के निर्देश के खिलाफ कोई अंतरिम आदेश जारी नहीं किया जब आप सरकार ने कहा कि योजना के लिए बस उपलब्ध नहीं कराने वाले स्कूलों के खिलाफ कोई भी दबावकारी कदम नहीं उठाए जाएंगे। शिक्षा विभाग को नोटिस जारी किया और 14 जनवरी को सुनवाई की अगली तारीख तक इस मामले में जवाब देने को कहा गया है।