योगी सरकार वसूलेगी ‘गौ कल्याण सेस’, गायों के शेल्टरों के लिए दिए 100 करोड़ रुपए
अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार हर जिले में गोशाला बनाने की ओर कदम बढ़ा रही है। इन आश्रय स्थलों को बनाने के लिए ‘गौ कल्याण सेस’ को लाया गया है। जिसका उपयोग आश्रय स्थल को बनाने और उसकी देखभाल में किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने ग्रामीण और शहरी स्थानीय निकायों में अस्थायी गोवंश आश्रय स्थलों की स्थापना एवं संचालन की नीति को मंजूरी दे दी।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में यह फैसला किया गया। बैठक के बाद राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा, ''प्रदेश के सभी ग्रामीण एवं शहरी निकायों (ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत, नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम) में अस्थायी गोवंश आश्रय स्थलों की स्थापना एवं संचालन नीति को स्वीकृति प्रदान की गयी है।''
प्रवक्ता ने बताया कि गोवंशीय पशुओं के अस्थायी आश्रय स्थलों की स्थापना एवं संचालन के लिए मंडी शुल्क से प्राप्त आय का दो फीसदी, प्रदेश के लाभकारी उद्यमों एवं निर्माणदायी संस्थाओं के लाभ का 0.5 प्रतिशत तथा यूपीडा जैसी संस्थाओं के टोल टैक्स में 0.5 प्रतिशत अतिरिक्त राशि गो कल्याण उपकर (सेस) के रूप में ली जाएगी।
आश्रय स्थलों के लिए 100 करोड़
इस योजना के तहत हर जिले के ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में गौ आश्रय स्थल बनेंगे, यहां कम से कम 1000 आवारा पशुओं के देखभाल की व्यवस्था होगी। इसके लिए सरकार की ओर से अभी 100 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
कैबिनेट के अन्य फैसले
प्रवक्ता के अनुसार एक अन्य फैसले में कैबिनेट ने मोटर दुर्घटना संबंधी विवादों के त्वरित निस्तारण के लिए प्रदेश के सभी 75 जिलों में विशेष मोटर दुर्घटना प्रतिकर अधिकरणों की स्थापना को मंजूरी प्रदान की है। इन अधिकरणों में एडीजे स्तर के 525 न्यायिक अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने तय किया है कि अब प्रदेश में कर्तव्य पालन के दौरान घटित दुर्घटना में पुलिस और अग्निशमन सेवा के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अपंग होने पर उन्हें अनुग्रह आर्थिक सहायता दी जाएगी। पहले दुर्घटना में मृत्यु होने पर आश्रितों को यह सहायता प्रदान की जाती थी।
प्रवक्ता ने कहा कि कर्तव्य पालन के दौरान दुर्घटना में अपंग होने वाले पुलिस और अग्निशमन सेवा के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को 50 से 69 प्रतिशत विकलांगता पर 10 लाख रुपए, 70 से 79 प्रतिशत विकलांगता पर 15 लाख रुपए और 80 प्रतिशत से अधिक विकलांगता पर 20 लाख रुपए अनुग्रह आर्थिक सहायता दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान के सुदृढ़ीकरण के लिए उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान की 10 इकाइयों को थाना घोषित किए जाने को कैबिनेट ने मंजूरी दी है। इस निर्णय से भ्रष्टाचार के मामलों की जांच और अभियोजन की कार्यवाही में तेजी आएगी।
प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन में निदेशक एवं सचिव के पद पर सीधी भर्ती के लिए 22 दिसंबर 2016 को जारी कार्यकारी आदेश में संशोधन को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इन पदों के लिए अब मान्यता प्राप्त संस्थान से डिजाइन, शिल्प या कला क्षेत्र में 20 नहीं बल्कि 15 वर्ष का कार्य अनुभव पर्याप्त होगा। उन्होंने बताया कि लखनऊ स्थित उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन के निदेशक एवं सचिव पद के लिए अब न्यूनतम आयु सीमा 45 वर्ष और अधिकतम आयु सीमा 55 वर्ष होगी। पहले अधिकतम आयु सीमा 57 वर्ष थी।