Advertisement
30 March 2017

घर पर रहें युवा, गोलियां किसी को नहीं पहचानतीः डीजीपी जम्मू-कश्मीर

google

उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी में मुठभेड़ स्थलों पर सुरक्षा बलों पर पथराव करने के लिए जा कर युवा आत्महत्या कर रहे हैं और उसने उनसे इस प्रकार की गतिविधियों से दूर रहने की अपील की।

पुलिस महानिदेशक ने कहा कि  मुठभेड़ में सुरक्षा बल एवं पुलिस भी खुद को गोलियों से बचाने के लिए बुलेटप्रूफ वाहन या किसी मकान का सहारा लेती है। डीजीपी ने कहा कि दुश्मन तत्व युवाओं को भड़काने के लिए सोशल मीडिया का दुरपयोग कर रहे हैं ताकि वे आतंकवादियों को मुक्त कराने में मदद करने के लिए सुरक्षा बलों पर पथराव करें।

वैद ने कहा, मैं कहूंगा कि यह घाटी और हमारे देश में शांति के विरोधी तत्वों द्वारा किया जा रहा सोशल मीडिया का दुरपयोग है।

Advertisement

उन्होंने कहा कि जिस क्षण मुठभेड़ शुरू होती है, वे करीब 300 वाट्सऐप ग्रुप सक्रिय कर देते हैं जिनमें से हर ग्रुप में 250 से अधिक सदस्य हैं। इसके अलावा वे फेसबुक जैसी अन्य सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट भी सक्रिय कर देते हैं। वे इनके जरिए युवकों को मुठभेड़ स्थलों पर पहुंचने और पथराव करने के लिए भड़काते हैं ताकि आतंकवादी घटनास्थल से बच कर भाग पाएं।

वैद ने कहा कि इन वाट्सऐप ग्रुप और अन्य सोशल मीडिया अकाउंट पर नजर रखी जा रही है और उन्हें चलाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि इनमें से कुछ अकाउंट के बारे में पता चला है कि वे सीमा पार के हैं। यह भारत के दुश्मनों की समस्याएं पैदा करने की कोशिश है। इन सभी नंबरों पर नजर रखी जा रही है और यहां से इन्हें चला रहे लोगों के खिलाफ हम कार्रवाई करेंगे।

डीजीपी ने लोगों से अपील की कि वे हाल में पथराव की घटनाओं में मारे जाने वाले लोगों के परिजन के बारे में सोंचे। उन्होंने कहा कि  दो दिन पहले मारे गए लोगों के माता-पिता, बहनों या भाइयों के बारे में सोचिए। लोग मारे गए लोगों को 10 दिन बाद भूल जाएंगे। उनका परिवार सबसे अधिक दुख सहेगा। हम सभी अपने काम कर रहे होंगे। (एजेंसी)

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: जम्मू-कश्मीर, मुठभेड़, युवा, गोलियां, आत्महत्या, अपील
OUTLOOK 30 March, 2017
Advertisement