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13 December 2018

जानिए, ‘राजनीति के जादूगर’ का सियासी सफर, जो अब बन सकते हैं राजस्थान के मुख्यमंत्री

राजस्थान में ‘राजनीति का जादूगर’ से लेकर मारवाड़ का गांधी’ के नाम से पुकारे जाने वाले अशोक गहलोत एक बार फिर सियासी चर्चाओं के केन्द्र में हैं। ऐसी अटकलें हैं कि वह एक बार फिर मुख्यमंत्री के तौर पर राजस्थान की कमान संभाल सकते हैं।

गहलोत ने 2018 के राज्य विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बहुमत के जादुई आंकड़े के करीब तक लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ऐसे में उनके हाथों में राज्य की बागडोर सौंपी जा सकती है।

साल 2013 के राजस्थान विधानसभा चुनाव और फिर 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद भी अशोक गहलोत ने राज्य में अपनी पार्टी को प्रासंगिक बनाए रखा।

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कुछ महीने पहले गुजरात में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के दमदार प्रदर्शन का श्रेय गहलोत को ही दिया जाता है। पिछले कुछ समय से कांग्रेस के महासचिव (संगठन) का पदभार संभाल रहे गहलोत को जमीनी नेता और अच्छा संगठनकर्ता माना जाता है।

‘मारवाड़ के गांधी’ पर पड़ी थी इंदिरा की नजर

‘मारवाड़ का गांधी’ माने जाने वाले गहलोत को राजनीति में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी लेकर आई थीं। ऐसा कहा जाता है कि वह पूर्वोत्तर क्षेत्र में शरणार्थियों के बीच अच्छा काम कर रहे थे और इंदिरा उनके काम से काफी प्रभावित थीं। गहलोत ने राजनीति के अलावा 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के दौरान पश्चिम बंगाल में बांग्लादेशी शरणार्थियों के शिविरों में काम किया और कई सामाजिक गतिविधियों में शामिल रहे।

पहले भी संभाल चुके हैं राजस्थान की कमान

मूल रूप से जोधपुर के रहने वाले गहलोत (67) 1998 से 2003 और 2008 से 2013 तक राजस्थान के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। तीन मई 1951 को जन्मे गहलोत ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1974 में एनएसयूआई के अध्यक्ष के रूप में की थी। वह 1979 तक इस पद पर रहे। गहलोत 1979 से 1982 तक कांग्रेस पार्टी के जोधपुर जिला अध्यक्ष रहे और 1982 में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव बने। इससे पहले ही 1980 में गहलोत पहली बार सांसद बने। वह 1980 से 1999 तक पांच बार 7वीं, 8वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं लोकसभा के लिए चुने गए।

गहलोत 1999 से जोधपुर के सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। वह 11वीं, 12वीं,13वीं और 14वीं राजस्थान विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं। पांच बार सांसद रह चुके गहलोत पांचवीं बार विधायक बने हैं।

वह 1982-1983 तक केन्द्र में पर्यटन उप-मंत्री और 1983-84 में नागरिक उड्रडयन, 1984 में खेल उप-मंत्री, 1984-85 में पर्यटन और नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री, 1991-93 तक वस्त्र राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) का पदभार संभाल चुके हैं।

गहलोत 2004-2009 तक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव (दिल्ली और सेवादल प्रभारी), 2004 में कांग्रेस कार्य समिति और हिमाचल प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के प्रभारी रह चुके हैं।

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी में कई अहम पदों पर रह चुके गहलोत तीन बार कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष रहे हैं।

 

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TAGS: Story, political wizard, Ashok Gehlot, political journey, cm, rajsthan, congress
OUTLOOK 13 December, 2018
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