Advertisement
09 November 2022

सुप्रीम कोर्ट ने एनआईए से पूछा, गौतम नवलखा पर किस तरह के प्रतिबंध लगाए जाए

उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से पूछा है कि वह उसे एल्गार परिषद-माओवादी लिंक मामले में जेल में बंद कार्यकर्ता गौतम नवलखा पर किस तरह का प्रतिबंध लगाए।

शीर्ष अदालत ने एनआईए की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू से निर्देश मांगकर इसकी जानकारी देने को कहा। न्यायमूर्ति के एम जोसेफ और न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की पीठ ने कहा कि वह एएसजी की सुनवाई के बाद गुरुवार को आदेश पारित करेगी।

कोर्ट ने कहा, "वह एक 70 वर्षीय व्यक्ति है। हम नहीं जानते कि वह कब तक जीवित रहेंगे। निश्चित रूप से, वह अपरिहार्य की ओर जा रहे है। ऐसा नहीं है कि हम उसे जमानत पर रिहा करने जा रहे हैं लेकिन हमें सावधानी से चलना होगा। हम सहमत हैं कि एक विकल्प के रूप में हाउस अरेस्ट का सावधानी से इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

Advertisement

कोर्ट ने आगे कहा, "हम इस बात से चिंतित हैं कि आप क्या प्रतिबंध लगाना चाहेंगे। ऐसा नहीं है कि वह देश को नष्ट करने जा रहे हैं ... कम से कम उन्हें कुछ दिनों के लिए नजरबंद रहने दें।"

शुरुआत में, नवलखा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि मेडिकल रिपोर्ट से पता चलता है कि उनके जेल में इलाज की कोई संभावना नहीं है। सिब्बल ने कहा, "दुनिया में कोई रास्ता नहीं है कि आप जेल में इस तरह का इलाज/निगरानी कर सकें। उनका वजन काफी कम हो गया है। जेल में इस तरह का इलाज संभव नहीं है।"

एनआईए की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने कहा कि नवलखा की तबीयत इतनी खराब नहीं है कि उन्हें नजरबंद कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से नवलखा के अतिरिक्त सोडियम स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Supreme Court, Gautam Navlakkha, Health condition, NIA, BJP
OUTLOOK 09 November, 2022
Advertisement