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01 September 2022

सुप्रीम कोर्ट ने सीतलवाड़ की जमानत याचिका पर सुनवाई में देरी पर सवाल उठाया, जानिए मुख्य न्यायाधीश ने क्या कहा

ANI

उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को आश्चर्य जताया कि गुजरात उच्च न्यायालय ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका को सुनवाई के लिए छह सप्ताह के बाद 19 सितंबर को क्यों सूचीबद्ध किया। 

प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित, न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने सीतलवाड़ की याचिका पर अगली सुनवाई शुक्रवार को तय की। सीतलवाड़ को 2002 के गुजरात दंगों के मामलों में "निर्दोष लोगों" को फंसाने के लिए कथित तौर पर सबूत गढ़ने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

सीजेआई ने कहा, “हम इस मामले की सुनवाई कल दोपहर 2 बजे करेंगे। ऐसे उदाहरण दें जहां ऐसे मामलों में आरोपी महिला को उच्च न्यायालय से ऐसी तारीखें मिली हों।  या तो इस महिला को अपवाद बनाया गया है.... अदालत यह तारीख कैसे दे सकती है? क्या गुजरात में यह मानक प्रथा है?”

गुजरात उच्च न्यायालय ने तीन अगस्त को सीतलवाड़ की जमानत याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था और मामले की सुनवाई 19 सितंबर तय की थी।अहमदाबाद की एक सत्र अदालत ने 30 जुलाई को इस मामले में सीतलवाड़ और पूर्व पुलिस महानिदेशक आर बी श्रीकुमार की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि अगर उन्हें रिहा किया जाता है तो यह गलत संदेश देगा।

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सीतलवाड़ और श्रीकुमार, दोनों को जून में गिरफ्तार किया गया था, उन पर 2002 के गोधरा दंगों के बाद के मामलों में "निर्दोष लोगों" को फंसाने के लिए सबूत गढ़ने का आरोप है।
वे साबरमती सेंट्रल जेल में बंद हैं। श्रीकुमार ने जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है।

मामले के तीसरे आरोपी पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट ने जमानत के लिए आवेदन नहीं किया है। भट्ट पहले से ही एक अन्य आपराधिक मामले में जेल में थे जब उन्हें इस मामले में गिरफ्तार किया गया था।

भारतीय दंड संहिता की धारा 468 (धोखाधड़ी के लिए जालसाजी) और 194 (पूंजीगत अपराधों के लिए सजा हासिल करने के इरादे से झूठे सबूत गढ़ना) के तहत उनके खिलाफ पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज होने के बाद जून में अहमदाबाद शहर की अपराध शाखा द्वारा उन्हें गिरफ्तार किया गया था।

  

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TAGS: Gujrat, Tista Sitalvada, CJP, Bail Plea, Gujarat plea
OUTLOOK 01 September, 2022
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