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07 July 2025

'पाक सेना का खासमखास था तहव्वुर राणा'; पूछताछ में हुए कई चौंकाने वाले खुलासे

26/11 मुंबई आतंकी हमले (2008) के प्रमुख साजिशकर्ता तहव्वुर हुसैन राणा ने मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच की पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। राणा, जो एक पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है, को अप्रैल 2025 में अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित किया गया था। मुंबई पुलिस की पूछताछ में राणा ने स्वीकार किया कि वह पाकिस्तानी सेना का “विश्वसनीय एजेंट” था और उसने 2008 के मुंबई हमलों से पहले शहर में कई स्थानों की टोह ली थी। राणा ने यह भी खुलासा किया कि लश्कर-ए-तैयबा (LeT) शुरू में एक जासूसी नेटवर्क के रूप में बनाया गया था, और उसके सहयोगी डेविड कोलमैन हेडली ने LeT के साथ कई आतंकी प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए थे।

राणा की भूमिका और पूछताछ

64 वर्षीय राणा, जो शिकागो में रहता था, ने अपने बचपन के दोस्त और LeT के ऑपरेटिव डेविड हेडली के साथ मिलकर हमले की योजना बनाई थी। राणा ने अपनी इमिग्रेशन फर्म, फर्स्ट वर्ल्ड इंटरनेशनल, को हेडली के लिए मुंबई में टारगेट्स की टोह लेने के लिए एक कवर के रूप में इस्तेमाल किया। उसने 26/11 हमलों के दौरान ताज होटल पर हमला करने वाले आतंकियों के साथ मुंबई में मौजूद होने की बात भी कबूल की। राणा पर आपराधिक साजिश, भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने, हत्या, जालसाजी और गैरकानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम (UAPA) के तहत आरोप हैं।

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प्रत्यर्पण और हिरासत

राणा को अप्रैल 2025 में अमेरिका से भारत लाया गया और दिल्ली में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की हिरासत में लिया गया। NIA ने उसकी 18 दिन की हिरासत मांगी थी, यह दावा करते हुए कि वह गैर-सहयोगी रहा और टालमटोल करने वाले जवाब दे रहा था। मई 2025 में, उसे तिहाड़ जेल भेज दिया गया, और जून में दिल्ली की एक अदालत ने उसे परिवार से एक फोन कॉल की अनुमति दी। NIA का मानना है कि राणा के पास LeT और इसके प्रमुख हाफिज सईद के भविष्य के आतंकी योजनाओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी है।

पाकिस्तान का कनेक्शन

राणा ने खुलासा किया कि वह गल्फ वॉर के दौरान सऊदी अरब में तैनात था, और उसने LeT के पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI और सेना के साथ गहरे संबंधों की पुष्टि की। उसने हाफिज सईद, इलियास कश्मीरी और अब्दुर रहमान जैसे प्रमुख आतंकियों के साथ अपनी बातचीत का जिक्र किया। उसने यह भी दावा किया कि 26/11 हमले के लिए व्यापक योजना तीन साल तक चली थी।

सामाजिक और कानूनी प्रभाव

राणा के प्रत्यर्पण को 26/11 हमले में न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जिसमें 166 लोग मारे गए थे और 238 से अधिक घायल हुए थे। राणा की पूछताछ से LeT और ISI की साजिश के गहरे स्तरों का पता चल सकता है। सोशल मीडिया पर, लोगों ने इसे “न्याय की जीत” बताया, और कई ने राणा की सजा की मांग की है।

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TAGS: Tahawwur Rana, 26/11 Mumbai Attacks, Mumbai Police, Pakistan Army, Lashkar-e-Taiba, David Headley, Extradition, NIA, ISI, Terror Conspiracy
OUTLOOK 07 July, 2025
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