केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 12 नए औद्योगिक शहरों की स्थापना को मंजूरी दी, 28,602 करोड़ रुपये का निवेश होगा
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए बुधवार को 28,602 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश से 10 राज्यों में 12 नए औद्योगिक शहरों की स्थापना को मंजूरी दी। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में लिए गए इस अहम फैसले की जानकारी दी। इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की।
वैष्णव ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (एनआईसीडीपी) के तहत 28,602 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश से 12 नए परियोजना प्रस्तावों को मंजूरी दी है।
यह कदम देश के औद्योगिक परिदृश्य को बदल देगा। इससे औद्योगिक क्षेत्र एवं शहरों का एक मजबूत नेटवर्क तैयार होगा जो आर्थिक वृद्धि और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा देगा।
इन शहरों को वैश्विक मानकों के नए स्मार्ट शहरों के रूप में विकसित किया जाएगा। ये शहर उन्नत बुनियादी ढांचे से लैस होंगे जो टिकाऊ और कुशल औद्योगिक संचालन का समर्थन करते हैं।
एनआईसीडीपी से रोजगार के महत्वपूर्ण अवसर पैदा होने की उम्मीद है। इन शहरों के गठन से करीब 10 लाख प्रत्यक्ष रोजगार और नियोजित औद्योगिकीकरण के माध्यम से 30 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होने का अनुमान है। इन परियोजनाओं से लगभग 1.52 लाख करोड़ रुपये की निवेश क्षमता भी पैदा होगी।
इन औद्योगिक शहरों की स्थापना की परिकल्पना वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में पेश की गई थी। बजट में घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए राज्यों और निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी में देश के 100 शहरों में या उसके आसपास ‘प्लग एंड प्ले’ औद्योगिक पार्क विकसित करने की घोषणा की गई थी।
इस तरह के आठ औद्योगिक शहर पहले से ही कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं। चार शहरों- धोलेरा (गुजरात), ऑरिक (महाराष्ट्र), विक्रम उद्योगपुरी (मध्य प्रदेश) और कृष्णपट्टनम (आंध्र प्रदेश) में उद्योगों के लिए भूमि आवंटन का काम चल रहा है।
इनके अलावा कर्नाटक के तुमकुरु, आंध्र प्रदेश के कृष्णपट्टनम, हरियाणा के नांगल चौधरी और उत्तर प्रदेश के दादरी (ग्रेटर नोएडा) में सरकार की विशेष इकाई (एसपीवी) सड़क संपर्क, पानी और बिजली आपूर्ति जैसे बुनियादी ढांचे के निर्माण की प्रक्रिया में है।
देश में 12 नए औद्योगिक शहरों की स्थापना की घोषणा के साथ इस तरह के शहरों की कुल संख्या 20 हो जाएगी। इस कदम से देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़ाने और रोजगार सृजन में मदद मिलने का अनुमान है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने संवाददाताओं से कहा कि इन परियोजनाओं के अगले तीन वर्षों में पूरा हो जाने की उम्मीद है।
गोयल ने कहा, ‘‘इन क्षेत्रों के लिए विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा बनाने के लिए जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है। इन्हें वैश्विक मानकों के नए स्मार्ट शहरों के रूप में विकसित किया जाएगा।’’
उन्होंने कहा कि इन औद्योगिक शहरों में बहुस्तरीय संपर्क अवसंरचना विकसित की जाएगी ताकि लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित हो सके।
भारत को वैश्विक मूल्य शृंखलाओं में मजबूत स्थिति में लाकर एनआईसीडीपी तत्काल आवंटन के लिए तैयार विकसित भूमि के टुकड़े मुहैया कराएगा। इससे घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के लिए भारत में विनिर्माण इकाइयां स्थापित करना आसान हो जाएगा।
गोयल ने कहा, ‘‘निवेशकों को इन क्षेत्रों में आसानी से जमीन मिल सकेगी। हमने पहले ही बुनियादी पर्यावरणीय मंजूरी ले ली है। प्रमुख (एंकर) निवेशकों को छूट भी मिलेगी।’’