"सीमा पर शांति है.." भारत-चीन संबंधों पर अजित डोभाल ने क्या कहा?
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने मंगलवार को कहा कि भारत-चीन सीमा हाल के महीनों में शांत रही है और दोनों देशों के संबंधों में “उन्नति का रुझान” देखा जा रहा है। उन्होंने यह टिप्पणी तब की जब चीनी विदेश मंत्री वांग यी दिल्ली पहुंचे और सीमा वार्ता की 24वीं विशेष प्रतिनिधि-स्तरीय बैठक में शामिल हुए। डोभाल ने कहा कि कज़ान में पिछले वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात ने द्विपक्षीय रिश्तों को नई दिशा दी और उसके बाद से ही माहौल सकारात्मक बना हुआ है।
डोभाल ने भरोसा जताया कि मौजूदा वार्ता भी उतनी ही सार्थक सिद्ध होगी और इसने दोनों देशों को कई मोर्चों पर आगे बढ़ने में मदद की है। उन्होंने इस वार्ता को और भी महत्वपूर्ण बताया क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी जल्द ही शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के लिए चीन की यात्रा पर जाएंगे।
वांग यी ने भी बैठक के दौरान कहा कि उन्हें नई दिल्ली में डोभाल से मिलकर खुशी है और यह कि पिछले कुछ वर्षों में जो असामंजस्य पैदा हुआ, वह दोनों देशों के हित में नहीं था। उनके अनुसार शी और मोदी की मुलाकात ने सीमा विवाद को हल करने के लिए प्रेरणा दी और अब संबंधों को सकारात्मक दिशा में ले जाने का अवसर है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी वांग के साथ बैठक में सीमा पर स्थायी शांति और स्थिरता को आवश्यक बताया ताकि द्विपक्षीय रिश्तों में विश्वास कायम रहे। उन्होंने बलों की वापसी और तनाव कम करने पर ज़ोर दिया और कहा कि केवल तभी व्यापार, निवेश और रणनीतिक सहयोग में मजबूती आ सकती है।
वांग यी की यह दो दिवसीय यात्रा ऐसे समय हो रही है जब भारत-अमेरिका व्यापार पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारी टैरिफ लगाए गए हैं और वैश्विक परिदृश्य अस्थिर है। ऐसे में भारत और चीन दोनों ही सीमा व्यापार, सीधी उड़ानों की बहाली और उच्च स्तरीय संवाद की दिशा में काम कर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि SCO सम्मेलन से पहले की ये बातचीत न केवल दोनों पड़ोसियों के बीच तनाव को कम करेगी बल्कि वैश्विक रणनीतिक समीकरणों पर भी असर डालेगी।