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16 July 2025

आज के युद्ध पुराने हथियारों से नहीं जीते जा सकते: सीडीएस अनिल चौहान का बड़ा बयान

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने 16 जुलाई 2025 को दिल्ली में आयोजित एक कार्यशाला में कहा कि आज के युद्ध को कल की तकनीक से नहीं जीता जा सकता। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का उदाहरण देते हुए स्वदेशी ड्रोन और काउंटर-ड्रोन तकनीकों की जरूरत पर जोर दिया। जनरल चौहान ने बताया कि 10 मई को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने निहत्थे ड्रोन और लॉइटरिंग गोला-बारूद का इस्तेमाल किया, लेकिन भारतीय सेना ने इनका मुकाबला करने में सफलता हासिल की। 

उन्होंने कहा, “पाकिस्तान के ड्रोन और गोला-बारूद से भारतीय सैन्य या नागरिक ढांचे को कोई नुकसान नहीं हुआ। अधिकांश खतरों को निष्प्रभावी किया गया।" ऑपरेशन सिंदूर 7 मई को पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में शुरू हुआ था, जिसमें भारत ने पाकिस्तान और PoJK में आतंकी ढांचों पर हवाई हमले किए। 

चौहान ने ड्रोन युद्ध की बढ़ती भूमिका पर प्रकाश डाला और कहा कि आधुनिक युद्ध अब पारंपरिक तरीकों से नहीं लड़े जा रहे। उन्होंने ड्रोन को “तीसरी क्रांति” का हिस्सा बताया, जो डेटा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), और मानवरहित प्रणालियों पर आधारित है।

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उन्होंने चेतावनी दी कि विदेशी तकनीकों पर निर्भरता हमारी तैयारियों को कमजोर करती है। “हमें अपने इलाके और जरूरतों के लिए स्वदेशी मानवरहित हवाई प्रणालियाँ (UAS) और काउंटर-UAS विकसित करने की जरूरत है,” उन्होंने कहा। 

वो ये बयान एक वर्कशॉप में दिया। इसका शीर्षक था “UAV और C-UAS में विदेशी OEMs से आयातित महत्वपूर्ण घटकों का स्वदेशीकरण।" ये कार्यक्रम मुख्यालय एकीकृत रक्षा स्टाफ (HQ-IDS) और सेंटर फॉर जॉइंट वॉरफेयर स्टडीज द्वारा आयोजित की गई थी। यह आत्मनिर्भर भारत नीति के तहत रक्षा स्वावलंबन को बढ़ावा देने का हिस्सा है। चौहान ने कहा कि ड्रोन युद्ध बड़े हथियारों को कमजोर कर रहे हैं और वायु रणनीतियों को फिर से सोचने की जरूरत है। 

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TAGS: Anil Chauhan, Operation Sindoor, drone warfare, indigenous technology, self-reliant India, unmanned aerial systems, counter-drones, Indian Army
OUTLOOK 16 July, 2025
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