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19 August 2025

ट्रेड से रिश्तों में गर्माहट, चीन फिर से देगा भारत को अहम सप्लाई

भारत और चीन के रिश्तों में लंबे समय से चले आ रहे तनाव के बीच अब एक सकारात्मक संकेत सामने आया है। चीनी विदेश मंत्री वांग यी की दिल्ली यात्रा के दौरान चीन ने भारत को भरोसा दिलाया है कि वह उर्वरक, दुर्लभ पृथ्वी खनिज और सुरंग खोदने वाली मशीनों की आपूर्ति फिर से शुरू करेगा। विदेश मंत्री एस. जयशंकर और वांग यी की मुलाकात में भारत की इन तीन बड़ी चिंताओं पर चर्चा हुई थी और अब चीन ने उन पर सकारात्मक रुख दिखाया है। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब कृषि, उद्योग और अवसंरचना क्षेत्र में इन सामग्रियों की कमी का गहरा असर दिखाई दे रहा था।

भारत ने हाल के महीनों में लगातार इस बात पर जोर दिया था कि यूरिया, डीएपी और एनपीके जैसे उर्वरकों की सप्लाई रुकने से रबी फसल की तैयारी प्रभावित हो रही है। इसी तरह, ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग दुर्लभ पृथ्वी खनिजों पर निर्भर हैं, जिनकी कमी से उत्पादन पर दबाव पड़ा। इसके अलावा, सुरंग खोदने वाली मशीनों की अनुपलब्धता के कारण मेट्रो और सड़क परियोजनाओं की गति धीमी हो गई थी। अब चीन की ओर से आपूर्ति बहाल करने का आश्वासन मिलते ही इन तीनों क्षेत्रों में तेजी आने की संभावना है।

वार्ता के दौरान वांग यी ने कहा कि चीन भारत की जरूरतों को समझता है और सहयोग के लिए तैयार है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि दोनों देशों के बीच गलतफहमियां पीछे छोड़कर नई संभावनाओं पर ध्यान देना चाहिए। जयशंकर ने भी कहा कि व्यापार और आर्थिक संबंधों में स्थिरता तभी आएगी जब आपसी भरोसा और सहयोग बढ़ेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत की ताइवान नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है और भारत केवल वैश्विक मानकों के अनुरूप आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को ही महत्व देता है।

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विशेषज्ञों का मानना है कि चीन का यह कदम रिश्तों में जमी बर्फ पिघलाने का संकेत है। हालांकि, सीमा विवाद और वास्तविक नियंत्रण रेखा से जुड़े मसले अब भी बाकी हैं, जिन पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और वांग यी के बीच विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता में चर्चा होगी। विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए भारी टैरिफ और वैश्विक व्यापार अस्थिरता के बीच यह सहयोग दोनों देशों के लिए रणनीतिक महत्व रखता है।

स्पष्ट है कि चीन की ओर से आपूर्ति बहाल करने का ऐलान केवल एक आर्थिक फैसला नहीं बल्कि रिश्तों को सुधारने की दिशा में बढ़ाया गया कूटनीतिक कदम भी है। अब देखना होगा कि यह सकारात्मक शुरुआत भविष्य में सीमा पर शांति और आपसी भरोसे को कितना मजबूत बना पाती है।

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TAGS: India China, Wang Yi, S Jaishankar, Ajit Doval, fertilizer supply, rare earth minerals, tunnel boring machine, border talks, bilateral relations, trade cooperation
OUTLOOK 19 August, 2025
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