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30 January 2025

उत्तर प्रदेश: महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर सभी 13 अखाड़ों ने अमृत स्नान किया

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महाकुंभ मेले में विभिन्न अखाड़ों का मौनी अमावस्या पर्व पर अमृत स्नान बुधवार शाम तक संपन्न हो गया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। मंगलवार देर रात संगम क्षेत्र के पास भगदड़ की घटना के कारण अखाड़ों का अमृत स्नान सुबह टल गया था और भीड़ नियंत्रित होने के बाद दोपहर में फिर से शुरू हुआ था।

मेला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि यह पहला मौका था जब साधु-संतों, नागा संन्यासी और अखाड़ों ने संगम में ऐतिहासिक प्रथम स्नान की प्रतिज्ञा तोड़ कर परिस्थिति को देखते हुए ब्रह्म मुहूर्त के अमृत स्नान को स्थगित कर श्रद्धालुओं को पहले स्नान का अवसर दिया।

उन्होंने बताया कि परंपरा के मुताबिक, सन्यासी अखाड़ों ने सबसे पहले अमृत स्नान किया, जिसमें महानिर्वाणी, अटल, निरंजनी, आनंद, जूना, आवाहन और पंच अग्नि अखाड़ों के साधु संत शामिस हैं।

अधिकारी ने बताया कि इसके बाद बैरागी संप्रदाय के पंच निर्वाणी अनी अखाड़ा, पंच दिगंबर, पंच निर्मोही अनी अखाड़े के साधु संतों ने अमृत स्नान किया। उन्होंने बताया कि अगले क्रम में उदासीन संप्रदाय के नया उदासीन, बड़ा उदासीन और निर्मल अखाड़े के साधु संतों ने स्नान किया।

अधिकारी ने बताया कि दोपहर में स्नान के दौरान हेलीकॉप्टर से श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा भी की गई।

एक संत ने बताया कि अखाड़ों के साधु संतों में अमृत स्नान को लेकर पहले जैसा उत्साह नहीं दिखा क्योंकि भगदड़ की घटना से सभी साधु संत व्यथित हैं। हालांकि अखाड़ों के महंत, श्रीमहंत और पीठाधीश्वर अपने पारंपरिक जुलूस, धर्मध्वजा और आराध्य देव की पालकी के साथ अमृत स्नान के लिए पहुंचे।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने बुधवार को सुबह कहा था कि महाकुंभ में भगदड़ को देखते हुए संतों ने मौनी अमावस्या का अमृत स्नान सुबह टाल दिया था लेकिन भीड़ कम होने पर अखाड़े अमृत स्नान करेंगे।

महाकुंभ के दूसरे अमृत स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर देश के तीन पीठों के शंकराचार्यों श्रृंगेरी शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी विधु शेखर भारती जी, द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती जी और ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी ने एक साथ अमृत स्नान किया।

ज्योतिष पीठाधीश्वर शिविर के प्रभारी मुकुंदानंद ब्रह्मचारी ने बताया कि तीनों पीठ के शंकराचार्य मोटर बोट से त्रिवेणी संगम पहुंचे, जहां पूरे धार्मिक विधि विधान से तीनों ने संगम में डुबकी लगाई।

 

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TAGS: Mahakumbh 2025, Mahakumbh Snan, Akhada snan, Mahakumbh stampede, Uttar Pradesh
OUTLOOK 30 January, 2025
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