एएमयू में कोरोना का कहर, 18 दिनों में 34 प्रोफेसरों की मौत
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय पर कोरोना की दूसरी लहर काल बनकर आई है। शनिवार को एएमयू विधि संकाय के डीन प्रोफेसर शकील समदानी की अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में कोरोना के इलाज के दौरान मौत हो गई। आपको बता दें कि पिछले 18 दिनों में यहां 34 कार्यरत प्रोफेसरों की कोविड-19 से मौत हो चुकी है।
प्रोफेसर शकील समदानी ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की कार्यकारी समिति के सदस्य थे। उन्हें 10 दिन पहले जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में कोरोना वार्ड में भर्ती कराया गया था। प्रोफेसर समदानी डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर से भी पीड़ित थे।
इसके अलावा 20 अप्रैल को भी यहां एक प्रोफेसर की मौत हुई थी। सभी मृत प्रोफेसर अलीगढ़ शहर के अलग-अलग इलाके के रहने वाले थे। इससे पहले चिकित्सा विभाग के अध्यक्ष 58 वर्षीय प्रोफेसर शादाब अहमद खान और कंप्यूटर विभाग के 55 वर्षीय प्रोफेसर रफीकुल जमान खान के कोरोना वायरस के चलते दम तोड़ दिया था। उसी वक्त कुलपति मंसूर के भाई उमर फारूख की भी कोरोना से मौत हो गई। वह यूनिवर्सिटी कोर्ट के पूर्व सदस्य और मोहम्मडन शैक्षिक सम्मेलन के सदस्य थे।
कोविड-19 से हुई इन मौतो के बाद एएमयू की वीसी तारिक मंसूर ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक को एक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने बताया कि एएमयू में पिछले 18 दिनों में कोरोना से 16 सेवारत और 18 सेवानिवृत्त शिक्षक दम तोड़ चुके हैं।
अपने पत्र में उन्होने बताया कि ऐसी संभावना है कि एएमयू परिसर और आस-पास के इलाकों में एक विशेष वैरिएंट हो सकता है। जिसके कारण ये मौते हो रही हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय और उसके आसपास के वातावरण में वायरस के स्वरूपों की जांच करने का अनुरोध किया।
उन्होंने कहा कि जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में माइक्रोबायोलॉजी प्रयोगशाला से शहर में पाए जाने वाले स्वरूप के वायरल जीनोम अनुक्रमण को ट्रेस करने के लिए नमूने इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक एंड इंटीग्रेटेड बायोलॉजी प्रयोगशाला, नई दिल्ली में भेज रहे हैं।
उन्होंने पत्र में कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के प्रमुख प्रो शादाब खान की कोरोना के कारण शुक्रवार को मृत्यु हो गई थी। खान एएमयू के 15वें अध्यापक थे जिनकी कोरोना से मृत्यु हुई है।
कॉलेज के प्राचार्य ने कहा कि अस्पताल मेडिकल ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहा है और पिछले 12 दिनों से अस्पताल को लगातार प्रयासों के बाद भी सिलेंडर नहीं मिला है।