संभल में हिंसा के बाद अब हालात होने लगे सामान्य, आज से स्कूल और बाजार खुले
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा बाद अब स्थिति धीरे-धीरे सामान्य होने लगी है। हालात में सुधार होते देख प्रशासन ने आज से जिले में स्कूल और बाजार खोलने का निर्णय लिया है ताकि बच्चों की पढ़ाई में कोई नुकसान न हो। साथ ही, बताया जा रहा है कि लोगों को रोजमर्रा की जरूरत की चीजें खरीदने में कोई दिक्कत न हो, इसलिए बाजार भी खोलने के बारे में प्रशासन ने निर्णय लिया है।
बता दें कि संभल में रविवार जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हालत खराब हो गई, जिसमें पत्थर बाजी और आगजनी की घटना में चार लोगों की मौत हो गयी और करीब 20 लोग घायल हो गए।
पुलिस ने इस संबंध में सोमवार को 25 लोगों को गिरफ्तार किया। सोमवार को संभल में बाजार बंद था लेकिन कई इलाकों में दुकानें खुली देखी गईं। आज सुबह भी स्थिति सामान्य नजर आ रही है। आज स्कूल भी खुले हैं और सुबह सुबह रोजमर्रा की जरूरतों की दुकान खुली नजर आ रही है, लेकिन जिले में इंटरनेट सेवा आज भी बंद है जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी महसूस हो रही है।
एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ड्रोन, सीसीटीवी और मोबाइल के वीडियो खंगाल रही है तथा उपद्रव करने वालों को चिह्नित कर रही है, ताकि उन्हें पकड़ा जा सके। अब तक इस मामले में सात प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है जिसमें संभल के सांसद जिया उर रहमान वर्क और संभल विधायक के पुत्र सुहैल इकबाल सहित 2750 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है।
वहीं, संभल हिंसा मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) के क्षेत्रीय सांसद जियाउर्रहमान बर्क और संभल सदर सीट से सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले में अब तक 25 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
संभल के पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया के साथ संयुक्त पत्रकार वार्ता में बताया कि हिंसा में घायल हुए दारोगा दीपक राठी ने 800 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है जिनमें बर्क और इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल को नामजद किया गया है।
पुलिस अधीक्षक ने बताया,‘‘बर्क को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 168 के तहत कोतवाली थाना पुलिस द्वारा पहले नोटिस दिया गया था। उन्होंने पहले भी भड़काऊ भाषण दिए थे। उनसे कहा गया था कि आप इस तरह के भाषण न दें लेकिन उन्होंने उसके बाद भी भीड़ को उकसाने के लिए और 'जामा मस्जिद की हिफाजत' बयान के साथ लोगों को उकसाने करने का प्रयास किया।
सोमवार रात पुलिस अधीक्षक (एसपी) कृष्ण कुमार विश्नोई ने पत्रकारों से कहा कि जिन लोगों ने नुकसान किया है उनसे एक-एक पाई वसूली जाएगी। उन्होंने कहा कि संभल में पुलिस ने सिर्फ ‘प्लास्टिक बुलेट’ का इस्तेमाल किया और पुलिस की गोली से किसी की मौत नहीं हुई।
एसपी ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी ये बात साबित हुई है। उन्होंने कहा कि संभल में पुलिस पूरी तरह मुस्तैद है, जगह जगह चौराहों पर पुलिस बल तैनात है और कई जगह रैपिड एक्शन फोर्स भी तैनात है।
संभल में हुई हिंसा मामले में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद उन्होंने मामले में सफाई दी है। बर्क ने कहा कि जिस दिन संभल में हिंसा हुई वह संभल तो क्या उत्तर प्रदेश में भी नहीं थे। उन्होंने कहा, "मैं बेंगलुरु में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की मीटिंग में शामिल होने के लिए गया था। मैं अपने लोगों की मदद न कर पाऊं और मेरी आवाज को दबाने के लिए तथा अपनी नाकामी को छुपाने के लिए पुलिस ने यह झूठा मुकदमा दर्ज किया है।
संभल के जिलाधिकारी ने जिले में बाहरी व्यक्तियों एवं जन प्रतिनिधियों के प्रवेश पर 30 नवंबर तक रोक लगाई हुई है ताकि संभल के हालत जल्द सामान्य हो पाए। संभल की स्थिति सामान्य नजर आ रही है जबकि घटना स्थल के नजदीक सन्नाटा सा पसरा हुआ है।