यूपी चुनाव: योगी आदित्यनाथ को इस सीट से उतारने पर विचार कर रही है भाजपा, सीईसी लेगी अंतिम निर्णय
उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी से सात चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मंथन जारी है। इस बीच पार्टी प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अयोध्या से मैदान में उतारने पर विचार कर रही है। पार्टी नेताओं की राय है कि अयोध्या हिंदुत्व और विकास दोनों का मॉडल है इसलिए मुख्यमंत्री को वहां से चुनाव लड़ाना चाहिए। इससे अवध क्षेत्र के साथ पूरे प्रदेश में सकारात्मक संदेश जाएगा।
आदित्यनाथ वर्तमान में विधानपरिषद के सदस्य हैं। उन्होंने हाल में कहा था कि वह विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं लेकिन इसके बारे में कोई भी अंतिम फैसला पार्टी का शीर्ष नेतृत्व करेगा।
सूत्रों ने बताया कि पार्टी के भीतर योगी आदित्यनाथ को अयोध्या सीट से चुनाव लड़ाने को लेकर चर्चा हुई है लेकिन इसके बारे में अंतिम फैसला पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) में लिया जाएगा।
ज्ञात हो कि सीईसी उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप देती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस समिति के सदस्य हैं। सूत्रों के मुताबिक पहले व दूसरे चरण के मद्देनजर उम्मीदवारों के नाम तय करने के लिए शीघ्र ही सीईसी की बैठक होगी। दूसरे चरण में 14 फरवरी को राज्य की 55 सीटों पर मतदान होगा।
भाजपा का शीर्ष नेतृत्व यदि योगी आदित्यनाथ को चुनाव लड़ाने का फैसला करता है तो अयोध्या के अलावा मथुरा और गोरखपुर दो ऐसी सीटें हैं जहां से मुख्यमंत्री को चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है। गोरखपुर को योगी आदित्यनाथ का गढ़ माना जाता है। वह वहां से कई बार सांसद भी चुने जा चुके हैं। साथ ही वह गोरखनाथ मंदिर के प्रमुख महंत भी हैं।
सूत्रों ने बताया कि यदि पार्टी उन्हें अयोध्या से चुनाव मैदान में उतारती है तो इसका बड़ा संदेश जाएगा। क्योंकि वहां राम मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है और योगी आदित्यनाथ पार्टी के प्रमुख हिन्दुत्वादी चेहरे हैं।
सूत्रों का मानना है कि अयोध्या चूंकि अवध क्षेत्र में पड़ता है और यहां पारंपरिक रूप से समाजवादी पार्टी मजबूत रही है, लिहाजा यदि पार्टी यहां से योगी आदित्यनाथ को उतारती है कि उसे इसका लाभ मिल सकता है।
वर्तमान में राज्य विधानसभा में अयोध्या सीट का प्रतिनिधित्व भाजपा के वेद प्रकाश गुप्ता करते हैं।
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा के साथ ही प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह पिछले दो दिनों से दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं और उम्मीदवारों के नामों के साथ ही चुनावी रणनीति को लेकर लगातार केंद्रीय नेतृत्व के साथ विमर्श कर रहे हैं।