कालीन के 63000 कामगारों व 500 निर्यात इकाइयों को बचाने सड़क पर उतरेगी कांग्रेस
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार कालीन उद्योग पर जी.एस.टी. लगाकर इस उद्योग को खत्म करने की साजिश रच रही है। एक तरफ भारतीय जनता पार्टी की गलत नीतियों से कालीन उद्योग बन्दी की कगार पर पहुंच गया है वहीं अब प्रदेश सरकार 1200 करोड़ ₹ सालाना के इस विश्वविख्यात उद्योग को जीएसटी के दायरे में लाकर इसे पूरी तरह बन्द करने की साजिश रच रही है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि प्रदेश के भदोही, मिर्जापुर आदि जनपदों में कालीन बनाने के उद्योग को भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार जीएसटी के दायरे में लाकर इसे पूरी तरह बन्द करने पर उतारू है जिसके चलते इस उद्योग से जुड़े लाखों कामगार बेरोजगार हो जायेंगे। जिससे उनके परिवारों के समक्ष रोटी का संकट पैदा हो जायेगा।
अकेले भदोही में इस कालीन उद्योग में लगभग 63000 कामगार कार्यरत हैं व 500 से अधिक निर्यात इकाइयां हैं। इसके अलावा विदेशों को करोड़ों रूपये के होने वाले कालीन निर्यात से देश को मिलने वाले विदेशी मुद्रा से भी वंचित होना पड़ेगा।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि एक तरफ योगी सरकार वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट के नाम पर बड़े-दावे कर रही है, वहीं प्रदेश के विश्वविख्यात कालीन उद्योग को समाप्त करने पर उतारू है। इससे योगी सरकार की कथनी और करनी का अंतर साफ दिखाई दे रहा है।
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि कालीन उद्योग को बचाने के लिए भदोही, मिर्जापुर सहित अन्य जनपदों के कामगार और कालीन निर्माता सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस कालीन उद्योग से जुड़े हुए कालीन निर्माता और कामगारों के साथ खड़ी है और कालीन उद्योग को प्रस्तावित जीएसटी के दायरे में लाये लाने का पुरजोर विरोध करती है।
कांग्रेस का कहना है कि केन्द्र की सरकार और उप्र की योगी सरकार जबसे सत्ता में आयी है लघु और कुटीर उद्योग लगातार बन्द होते जा रहे हैं। वहीं सरकार लगातार इन लघु व कुटीर उद्योगों को बन्द करने की साजिश रच रही है जिसे कांग्रेस सफल नहीं होने देगी। कांग्रेस पार्टी कालीन उद्योग को बचाने के लिए सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष करेगी।