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31 October 2020

महज शादी के लिए धर्म परिवर्तन वैध नहीं: इलाहाबाद हाई कोर्ट

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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक अहम फैसले में सिर्फ शादी के लिए धर्म परिवर्तन की वैधता देने संबंधी याचिका को खारिज कर दिया है। हाई कोर्ट का कहना है कि केवल शादी के लिए धर्म परिवर्तन को वैध नहीं ठहराया जा सकता।

विपरीत धर्म के जोड़े की याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने याचियों को संबंधित मजिस्ट्रेट के समक्ष हाजिर होकर अपना बयान दर्ज कराने की छूट दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने मुजफ्फरनगर जिले की प्रियांशी उर्फ समरीन तथा अन्य की याचिका पर दिया है।

कोर्ट ने कहा कि एक याची मुस्लिम तो दूसरा हिंदू है। लड़की ने पिछली 29 जून को हिंदू धर्म स्वीकार करने के एक महीने बाद विवाह कर लिया। इससे साफ होता है कि यह धर्म परिवर्तन महज शादी करने के लिए किया गया।

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कोर्ट ने इस संबंध में नूर जहां बेगम मामले में हुए फैसले का हवाला देते हुए कहा कि शादी के लिए धर्म बदलना स्वीकार्य नहीं है। इस मामले में हिंदू लड़कियों ने धर्म बदलकर मुस्लिम लड़के से शादी की थी। न्यायालय ने कहा कि इस्लाम के बारे में बिना जाने और बिना आस्था विश्वास के धर्म बदलना स्वीकार्य नहीं है। यह इस्लाम के खिलाफ है।

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TAGS: महज शादी के लिए, धर्म परिवर्तन, वैध नहीं, इलाहाबाद हाई कोर्ट, Conversion, only for, sake of marriage, not valid, Allahabad HC
OUTLOOK 31 October, 2020
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