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25 May 2021

कोरोना से एक और खतरा, लखनऊ में सीवेज के पानी में मिला वायरस, क्या होगा असर

प्रतीकात्मक तस्वीर

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में सीवेज वाटर में कोरोना वायरस की पुष्टि की गई है। जिसके बाद लोगों में खौफ पैदा हो गया है। पीजीआई माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ उज्जवला घोषाल ने बताया कि आईसीएमआर-डब्लूएचओ द्वारा देश में सीवेज सैंपलिंग शुरू की गई। इसमें यूपी में तीन अलग-अलग जगहों के सीवेज के नमूने लिए गए हैं। जिसमें से एक जगह के सीवेज पानी के सैंपल में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है।


माइक्रोबायोलॉजी विभाग की एचओडी ने बताया कि हमारी टीम ने लखनऊ के अलग -अलग जगहों से सीवेज के पानी को जांच के लिए लिया था। जिसमें खदरा, मछली मोहल्ला और चौक स्थित घंटाघर के सीवेज का पानी था। जिसमें से खदरा के रूपपुर से आए पानी में कोरोना वायरस की पुष्टि की गई।

डॉ उज्जवला ने बताया कि पानी में मिले सैंपल की रिपोर्ट को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च को सौंप दिया गया है। उन्होंने बताया कि पानी में वायरस मिलने का कारण लोगों का मल है। जो लोग अपने घरों में कोरोना पॉजिटिव होने पर होम आइसोलेट हो रहे हैं और इस दौरान उनसे जो मल निकलता है वह घरों से होकर सीवेज में जाता है। आधे प्रतिशत कोरोना मरीजों के मल में वायरस की पुष्टि हुई है। कई देशों के द्वारा किए गए रिसर्च मे यह बात सामने आई है।

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उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी और आईसीएमआर के सामने रिपोर्ट पेश की है, जिस पर फाइनल रिपोर्ट उनकी ओर से दी जाएगी।

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TAGS: लखनऊ, सीवेज वाटर में कोरोना, डॉ उज्जवला घोषाल, पीजीआई माइक्रोबायोलॉजी, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च, आईसीएमआर, Lucknow, Corona in Sewage Water, Dr. Ujjwala Ghoshal, PGI Microbiology, Indian Council of Medical Research, ICMR
OUTLOOK 25 May, 2021
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