चुनाव नतीजे: पश्चिमी यूपी की वीआईपी सीटों पर बड़े चेहरे पिछड़े
यूपी में 18वीं विधानसभा के गठन के लिए हुए चुनाव की मतगणना में पश्चिमी यूपी की वीआईपी सीटों में शामिल सरधना, कैराना थाना भवन और सदर विधानसभा सीटों पर उतरे कद्दावर और बडे चेहरे अपने प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले अभी तक पिछड़े हुए हैं। जिसके चलते इनके पिछड़ने को लोग आश्चर्य चकित होकर देख रहे हैं।
बृहस्पतिवार को हो रही यूपी विधानसभा चुनाव की मतगणना में पश्चिमी यूपी की इन सीटों पर राजनीतिज्ञों के साथ-साथ आम जनमानस की निगाहें भी लगी हुई हैं। सभी को इन चर्चित चेहरों के अपने प्रतिद्वंद्वियों के ऊपर शुरूआत से ही बडी बढ़त बनाने की उम्मीद थी। लेकिन जब ईवीएम मशीनों से वोटों के नतीजे निकलने शुरू हुए तो नामचीन चेहरे अपने प्रतिद्वंद्वियों से पिछड़ते हुए दिखाई दिए हैं।
शामली जिले की थानाभवन विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा फिलहाल अपने प्रतिद्वंदी रालोद उम्मीदवार अशरफ अली खान से पिछड़े हुए हैं। चुनाव बाद यहां 42 बूथों पर पुनर्मतदान के लिए मंत्री राणा और बीजेपी ने निर्वाचन आयोग ने से अनुरोध किया था। परन्तु जिला निर्वाचन अधिकारी ने उसे खारिज कर अनुमति नही दी थी।
जनपद शामली की कैराना विधानसभा सीट पर जेल के अंदर से चुनाव लड़ रहे समाजवादी पार्टी के नाहिद हसन अपनी प्रतिद्वंदी बीजेपी की मृगांका सिंह से 2190 वोटों से पीछे हो गए हैं। पिछले संसदीय चुनावों व विधानसभा चुनाव के पहले नाहिद का भड़काऊ भाषण आने से माना जा रहा था कि यहाँ चुनाव एकतरफा हो सकता है।
जनपद मुजफ्फरनगर की सदर विधानसभा सीट पर राज्य मंत्री एवं बीजेपी उम्मीदवार कपिल देव अग्रवाल रालोद प्रत्याशी सौरभ स्वरूप बंटी से सातवें राउंड तक 3894 वोटों से पिछडे हुए हैं। अग्रवाल योगी सरकार में मंत्री रहे और उनपर युवाओं को रोजगार और छोटे उद्योग लगाने की जिम्मेदारी थी।
उधर जनपद मेरठ के सरधना विधानसभा सीट पर भाजपा के संगीत सोम अपने प्रतिद्वंदी अतुल प्रधान से पिछड़े हुए हैं। संगीत सोम को 30589 तथा सपा के अतुल प्रधान को 32025 वोट अभी तक हासिल हुए हैं। सोम की प्रसिद्धि का कारण उनका उत्तेजित करने वाला भाषण माना जाता है।