यूपी: गैंगरेप केस में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति समेत तीन लोग दोषी करार, 12 नवंबर को सुनाई जाएगी सजा
समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति सहित तीन आरोपियों को विशेष कोर्ट ने सामूहिक दुष्कर्म एवं पास्को एक्ट के अपराध का दोषी करार दिया है। सभी आरोपियों को 12 नवंबर को सजा सुनाई जाएगी। मामले में आशीष शुक्ल और अशोक तिवारी भी दोषी पाए गए हैं जबकि चंद्रपाल, विकास वर्मा, रूपेश्वर और अमरेन्द्र सिंह पिंटू को निर्दोष करार दिया गया है।
बता दें कि 18 फरवरी 2017 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गायत्री प्रसाद प्रजापति, विकास वर्मा, अमरेंद्र सिंह, चंद्रपाल, रूपेश्वर व अशोक तिवारी के खिलाफ गौतमपल्ली में सामूहिक दुष्कर्म, जानमाल की धमकी व पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था।
जानें क्या है मामला
गौरतलब है कि यह मामला 4 साल पहले यानी 2017 का है। चित्रकूट जिले की रहने वाली एक महिला ने तत्कालीन सपा सरकार के कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति और उनके कई साथियों पर गैंगरेप और बेटी के साथ छेड़खानी की का आरोप लगाया था। महिला ने गायत्री प्रजापति और उसके साथियों पर परिवार को जान से मारने की धमकी का भी आरोप लगाया था। इसके बाद पीड़िता ने केस दर्ज कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।
कौन हैं गायत्री प्रसाद प्रजापति
गायत्री प्रजापति ने 1995 के आसपास समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल हुए थे। उन्होंने 1996 और 2002 का विधानसभा चुनाव अमेठी विधानसभा से लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। लेकिन 2012 के विधानसभा चुनाव में गायत्री प्रजापति को अमेठी सीट से जीत मिली। फरवरी 2013 में उन्हें सिंचाई राज्यमंत्री बनाए गए थे। इसके बाद जुलाई 2013 में मंत्रिमंडल में फेरबदल हुआ तो उन्हें स्वतंत्र प्रभार दे दिया गया। इसके बाद जनवरी 2014 में उन्हें खनन विभाग का कैबिनेट मंत्री बना दिया गया। गायत्री प्रजापति ने 2017 का चुनाव अमेठी से सपा की टिकट लड़ा, लेकिन बीजेपी की गरिमा सिंह ने उन्हें हरा दिया।