दृष्टिहीन नाबालिग ने आवाज से की बलात्कारी की पहचान, चार साल बाद युवक को मिली सजा
उत्तर प्रदेश में अमरोहा के धनोरा गांव में चार साल पहले 16 साल की दिव्यांग किशोरी से 20 साल के एक युवक ने दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया था। इस मामले में पॉस्को कोर्ट ने सुनवाई करते हुए आरोपी को उम्र कैद की सजा सुनाई है।
हिन्दुस्तान की खबर के मुताबिक पुलिस ने बताया कि यह पूरी वारदात 22 सितंबर 2017 की है, जब एक किसान की बेटी अपने रिश्तेदार के घर जा रही थी। तब किशोरी के पड़ोसी राहुल ने उसे रिश्तेदार के घर का रास्ता दिखाने के बहाने उसका हाथ पकड़ लिया और उससे किसी तरह ट्यूबवेल के लिए बने कमरे में ले गया। बंद कमरे में उसने दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया।
उस वक्त लड़की चुप रही, लेकिन उसने आरोपी की आवाज पहचान ली थी। वह किसी तरह वहां से अपने घर पहुंची और अपने परिजनों को पूरी आपबीती सुनाई। उसके बाद परिवार के सदस्यों ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धाराओं और पॉक्सो एक्ट के तहत शिकायत दर्ज कराई। जांच के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन कुछ समय बाद वह जमानत पर बाहर आ गया था।
पॉस्को कोर्ट के फैसले के बाद उसे फिर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। लोक अभियोजक बसंत सिंह ने पूरे मामले के बारे में बताया कि पिछले चार साल से मामले की सुनवाई चल रही थी। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अवधेश कुमार सिंह ने सभी तथ्यों को ख्याल में रखते हुए सोमवार को रेप के आरोपी को उम्र कैद की सजा सुनाई। आरोपी को गिरफ्तार कर के जेल भेज दिया गया है।