लखनऊ: 8 घंटे बाद मिली राम और श्याम को नई जिंदगी, कोरोना दौर में कमाल
राम और श्याम को अब नई जिन्दगी मिल गई है,पैदा हुये तो शरीर एक दूसरे से चिपका था -पर अब वो अलग अलग दौड भाग रहे है। जानिए, केजीएमयू के डॉक्टर ने क्या कमाल किया।
कोरोना काल के हिसाब से हर कोई अपने को बचा रहा है सरकार जागरूक कर रही है और जान है तो जहान है के नारे के बीच हर आदमी सहमा-सिसका हुआ है ।0लेकिन ऐसा कुशीनगर कि प्रियंका के साथ नहीं हुआ करोना काल के इस समय पर उन्हें जीवन की वह खुशी मिली है कि वह यह साल 2020 नहीं भूल पाएंगे।
कुशीनगर की प्रियंका के दो जुड़वा बच्चे हुए राम और श्याम जब वह पैदा हुए तो न सिर्फ जुड़े गए थे ।बल्कि उनका पेट और छाती भी एक दूसरे से चिपका हुआ था जिसकी वजह से वह एक साथ ही हिल डुल भी नही पाते थे, अलग नहीं होने के कारण उनको लेकर के प्रियंका और उसका परिवार परेशान रहता था। गोरखपुर मेडिकल कॉलेज सबसे पहले पहुंचे वहां पर डॉक्टर ने देखा और कहा कि जिस तरह से इनका पूरा शरीर एक दूसरे से जुड़ा हुआ है इनकी अलग होने की गुंजाइश बहुत कम है। प्रियंका ने हार नहीं मानी वह किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज लखनऊ आती है बच्चों के विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर जी डी रावत उनको मिलते हैं और प्रियंका को आश्वासन देते हैं कि तुम्हारे बच्चे ठीक हो जाएंगे करोना कि आपदा में यह ऑपरेशन चलता रहा और आखिरकार अक्टूबर महीने में सभी तरीके की जांच की गई जिसमें पाया कि बच्चों की छाती एक दूसरे से चिपकी हुई थी पेट चिपका हुआ था ।
बच्चों के विशेषज्ञ डॉक्टर जेडी रावत जो कि पेट्रोटेक डिपार्टमेंट के हेड कहते है कि बच्चे ठीक हो जाएंगे ऐसा उन्हें लगता है वह दोनों बच्चों को अलग कर पाएंगे हालांकि यह बहुत ही मुश्किल ऑपरेशन होगा लेकिन उनका प्रयास रहेगा कि वह इन दोनों बच्चों के जीवन को संवार सकें ।
प्रियंका बताती है कि कोरोना आ जाने के बाद इन बच्चों का ऑपरेशन टलता जा रहा था और एक टीम बनाकर के अक्टूबर के महीने में इन बच्चों का ऑपरेशन किया गया इस ऑपरेशन से पहले दोनों ही बच्चों के सारे अंगो का सीटी स्कैन, एक्सरे इन सब से उनकी स्थित देखी गई जो कि अगर मैडिकल के भाषा में कहा जाए तो बहुत ही कठिन और मुश्किल और जटिल था इस ऑपरेशन था दो दर्जन से ज्यादा डॉक्टर ऑपरेशन थिएटर के अंदर थे और 8 घंटे से ज्यादा ही ऑपरेशन चला और आज के दिन किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज के वीसी विपिन पुरी ने उस पूरी टीम को सम्मानित किया क्योंकि अक्टूबर में किया गया ऑपरेशन सफल हो गया बच्चों को कुछ दिनों तक हॉस्पिटल में रखा गया और जब स्वस्थ हो गए उनके सारे टेस्ट बिल्कुल ठीक-ठाक है तो अब उनको उनके मां-बाप को दे दिया गया है। बच्चे जहां जुड़ गए थे, जहां उनका शरीर जुड़ा हुआ था अब वह एक दूसरे से अलग हैं एक मां की गोद में है तो दूसरा पिता की गोद में और मां बाप खुश हैं और खुशी के इस मौके पर किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज के वी सी विपिन पूरी कहते हैं कि यह इस कॉलेज के इतिहास में पहला ऐसा ऑपरेशन और सफल ऑपरेशन हुआ है इस तरह के जो कि ऑपरेशन हैं बहुत ही जटिल होते हैं और उनकी सफलता का प्रतिशत काफी कम होता है। लेकिन इस जटिल और मुश्किल ऑपरेशन सफल भी किया गया और सबसे बड़ी बात है इसमें मां-बाप को कुछ भी पैसा खर्च नहीं करना पड़ा ।यह भारत सरकार की आयुष्मान भारत योजना के तहत सारा पैसा सरकार की तरफ से ही दिया गया ।
अब राम और श्याम को लेकर के प्रियंका कुशीनगर जा रही है क्योंकि वह चाहती है कि इन बच्चों को पढ़ा लिखा कर के डॉक्टर बनाएगी जिन डॉक्टरों ने उनको नई जिंदगी दी है यह भी आगे चलकर के समाज के लिए कुछ करें।