झांसी हादसे पर मायावती ने जताया दुख, अखिलेश यादव ने योगी सरकार को घेरा
उत्तर प्रदेश के झांसी में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के बच्चों के वार्ड में शुक्रवार रात आग लगने से कम से कम 10 शिशुओं की मौत हो गई जबकि 16 बच्चे गंभीर रूप से झुलस गए। इस हादसे पर उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती समेत तमाम नेताओं ने दुख जताया है।
बसपा चीफ मायावती ने इस घटना पर दुख जताया है। मायावती ने कहा कि झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कालेज में आग लगने से 10 नवजात बच्चों की मौत की अति-दुखद घटना से कोहराम और आक्रोश स्वाभाविक है। ऐसी घातक लापरवाही के लिए दोषियों को सख्त कानूनी सजा मिले, ऐसी घटनाओं की भरपाई असंभव है फिर भी सरकार पीड़ित परिवारों की हर प्रकार से मदद जरूर करे।
सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उपमुख्यमंत्री एवं चिकित्सा मंत्री ब्रजेश पाठक मेडिकल कॉलेज पहुंच गये हैं। उनके साथ प्रमुख सचिव स्वास्थ्य भी हैं। झांसी के मंडलायुक्त और पुलिस उप महानिरीक्षक को हादसे की जांच के निर्देश दिए गए हैं। सीएम ने हादसे पर दुख जताते हुए जांच कर 12 घंटे में रिपोर्ट देने को कहा है।
हालात का जायजा लेने के बाद उप मुख्यमंत्री पाठक ने कहा कि नवजात शिशुओं की मौत बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हम परिजनों के साथ मिलकर नवजातों के शव की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं। पहली जांच प्रशासनिक स्तर पर होगी जो स्वास्थ्य विभाग करेगा और दूसरी जांच पुलिस प्रशासन करेगा। अग्निशमन विभाग टीम भी इसका हिस्सा होगी। तीसरा मजिस्ट्रियल जांच के भी निर्देश दिये गये हैं। आग लगने के कारणों की जांच की जाएगी। अगर कोई खामी पाई गई तो जो भी जिम्मेदार होंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। सरकार बच्चों के परिजनों के साथ है। फरवरी में फायर सेफ्टी ऑडिट हुआ था। जून में एक मॉक ड्रिल भी किया गया था। यह घटना कैसे हुई और क्यों हुई इस बारे में जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।
अखिलेश यादव ने योगी सरकार को घेरा
वहीं, सपा प्रमुख झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने से 10 बच्चों की मृत्यु एवं कई बच्चों के घायल होने का समाचार बेहद दुखद एवं चिंताजनक है। अखिलेश ने कहा कि आग का कारण ‘ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर’ में आग लगना बताया जा रहा है। ये सीधे-सीधे चिकत्सीय प्रबंधन व प्रशासन की लापरवाही का मामला है या फिर ख़राब क्वॉलिटी के आक्सीजन कॉन्संट्रेटर का।
झाँसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने से 10 बच्चों की मृत्यु एवं कई बच्चों के घायल होने का समाचार बेहद दुखद एवं चिंताजनक है। सबके प्रति संवेदनात्मक श्रद्धांजलि।
आग का कारण ‘ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर’ में आग लगना बताया जा रहा है। ये सीधे-सीधे चिकत्सीय प्रबंधन व प्रशासन की लापरवाही का मामला… pic.twitter.com/639O0QHPPK
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 16, 2024
इस मामले में सभी जिम्मेदार लोगों पर दंडात्मक कार्रवाई हो। मुख्यमंत्री जी चुनावी प्रचार छोड़कर, ‘सब ठीक होने के झूठे दावे’ छोड़कर स्वास्थ्य और चिकित्सा की बदहाली पर ध्यान देना चाहिए, जिन्होंने अपने बच्चे गंवाएं हैं, वो परिवारवाले ही इसका दुख-दर्द समझ सकते हैं। ये सरकारी ही नहीं, नैतिक जिम्मेदारी भी है। आशा है चुनावी राजनीति करनेवाले पारिवारिक विपदा की इस घड़ी में इसकी सच्ची जांच करवाएंगे और अपने तथाकथित स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्रालय में ऊपर-से-नीचे तक आमूलचूल परिवर्तन करेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक वरिष्ठ अधिकारियों के एक दल के साथ झांसी पहुंचे। उन्होंने अग्निकांड की जांच के आदेश दे दिए हैं। साथ ही, मृतक बच्चों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये और घायल बच्चों के लिए 50-50 हजार रुपये आर्थिक मदद का ऐलान किया है।
दरअसल, इस हादसे के बाद से उत्तर प्रदेश के सीए योगी आदित्यनाथ लगातार सक्रिय हैं। सीएम योगी ने घटना का संज्ञान लेते हुए झांसी के मंडलायुक्त और डीआईजी को 12 घंटे के अंदर रिपोर्ट देने को कहा है। दरअसल, इस घटना को लेकर सभी आहत हैं।