मुख्तार अंसारी अपने पैसे से जेल में चाहता है ये सुविधाएं, क्या यूपी सरकार मानेगी बात
उत्तर प्रदेश के बांदा जेल के बैरक नंबर 16 में बंद बाहुबली विधायक और गैंगस्टर मुख्तार अंसारी अपने शरीर में निकल रहे लाल दानों व खुजली से बेचैन है। कमर दर्द में भी राहत नहीं है। शुगर और ब्लड प्रेशर के मरीज मुख्तार अंसारी ने अधिवक्ता के जरिए मऊ जिले के सीजेएम कोर्ट में अर्जी देकर बीमारी और डॉक्टरों की सलाह का हवाला देते हुए बैरक में एयर कूलर व मच्छरदानी उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। कोर्ट ने कारागार अधीक्षक बांदा को पत्र भेजकर पूछा है कि क्या मुख्तार को जेल मैन्युअल के मुताबिक यह सुविधाएं दी जा सकती हैं?
अमरउजाला के मुताबिक वकील ने अदालत में दी अर्जी में कहा कि मुख्तार अंसारी मऊ सदर विधानसभा से पांचवीं बार विधायक है। 16 साल से जेल में बंद है। मौजूदा वक्त में वह बांदा जेल में निरुद्ध है। इसमें बताया गया कि मुख्तार को शुगर, ब्लड प्रेशर, हाईपरटेंशन, यूरिक एसिड, कमर दर्द जैसी बीमारियां हैं। सुबह और शाम 6 घंटे में दवा के रूप में 9 से 10 कैप्सूल और गोलियां खाता है। 43 डिग्री तापमान में दवाएं गर्म हो रही हैं। शरीर में लाल दाने व खुजली हो रही है। कमर दर्द से भी राहत नहीं है। डॉक्टरों ने तापमान नियंत्रण के लिए कूलर, तख्त और मच्छरदानी की सलाह दी है। बताया गया कि यह सारी व्यवस्थाएं अंसारी खुद खर्चे पर करने को तैयार है।
मुख्तार की अर्जी पर उनके वकील ने जेल मैन्युअल के पैरा-432 का हवाला देते हुए कहा कि विचाराधीन बंदी को निजी तौर पर खाना, कपड़ा आदि जरूरी वस्तुओं को क्रय करने का प्रावधान है।
स्वयं के खर्चे पर कूलर, तख्त, मच्छरदानी मुहैया कराने के लिए जिला प्रशासन को आदेशित किया जाए। मुख्तार की अर्जी पर कोर्ट ने बांदा कारागार अधीक्षक से पूछा कि क्या मुख्तार को ये सुविधाएं जेल मैन्युअल के अनुसार दी जा सकती हैं?
वहीं कारागार अधीक्षक प्रमोद तिवारी का कहना है कि मऊ अदालत से पत्र प्राप्त हुआ है। मुख्तार अंसारी को पहले से ही जेल मैन्युअल के मुताबिक सुविधाएं दी जा रही हैं। जेल मैन्युअल में कूलर, तख्त और मच्छरदानी देने की कोई व्यवस्था नहीं है। जेल की बैरकों को सैनिटाइज कराने के साथ ही स्वच्छ रखा जाता है।