पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को इलाज के लिए दिल्ली किया जाएगा शिफ्ट, सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को दिल्ली के अस्पताल में शिफ्ट करने के निर्देश दिए हैं। उन्हें पिछले साल हाथरस जाते वक्त यूपी पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था। जहां एक दलित महिला की सामूहिक बलात्कार के बाद मौत हो गई थी।
शीर्ष अदालत ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने या किसी अन्य राहत के लिए उपयुक्त मंच से संपर्क करने के लिए कप्पन को स्वतंत्रता दी है। अदालत ने यह भी कहा कि पत्रकार को ठीक होने के बाद वापस मथुरा जेल भेज दिया जाएगा।
इससे पहले सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को अपने सुझाव पर राज्य सरकार से निर्देश मांगने के लिए कहा है।
यूपी सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सिद्दीक कप्पन की जमानत का विरोध किया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इसी तरह के कई आरोपी राज्य के अस्पतालों में अपना इलाज करा रहे हैं और कप्पन को सिर्फ इसलिए विशेष उपचार नहीं दिया जाना चाहिए क्योंकि इस मामले में याचिकाकर्ता एक पत्रकार यूनियन है।
इससे पहले सोमवार को एडीटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (ईजीआई) ने भी कहा कि वह केरल के गिरफ्तार पत्रकार सिद्दीकी कप्पन के साथ किए जा रहे अमानवीय व्यवहार की खबरों से बेहद निराश है। गिल्ड ने मांग की कि कप्पन को उचित चिकित्सा देखभाल उपलब्ध कराया जाए और उनके साथ गरिमापूर्ण व्यवहार किया जाना चाहिए। बयान में कहा गया कि उनकी पत्नी ने आरोप लगाया है कि मथुरा के एक अस्पताल में कोविड-19 का इलाज करा रहे कप्पन को बिस्तर से बांधकर रखा गया है और वह ना ही भोजन करने में समर्थ हैं और ना ही शौचालय का उपयोग कर पा रहे हैं।
बयान के मुताबिक, ‘‘यह स्तब्ध करने वाला और राष्ट्र की अंतरात्मा को झकझोर देने वाला है कि एक पत्रकार के साथ ऐसे अमानवीय तरीके से पेश आया जा रहा है और उनके मूल अधिकारों का हनन हो रहा है।’’ कप्पन को गैर कानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था।