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30 December 2024

टाटा समूह और इस्कॉन ने लिया ब्रज के 15 प्राचीन कुण्डों के पानी को आचमन योग्य बनाने का जिम्मा

औद्योगिक घराने टाटा समूह और धार्मिक संस्था ‘इस्कॉन’ ने ब्रज के प्राचीन कुण्डों के जल को आचमन योग्य बनाने का जिम्मा लिया है। इसके लिए दोनों ने कुल 15 कुण्डों को चिन्हित किया है। बाकी कुण्डों के उद्धार के लिए मथुरा—वृन्दावन विकास प्राधिकरण (एमवीडीए) स्वयं कार्य करेगा।

उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं मथुरा—वृन्दावन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्याम बहादुर सिंह ने बताया कि ब्रज में अनेक ऐसे प्राचीन कुण्ड मौजूद हैं, जो धार्मिक एवं ऐतिहासिक महत्व के हैं। परिषद द्वारा इनके सौंदर्यीकरण के साथ—साथ जल की गुणवत्ता सुधारने का काम किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि इन्हीं में 15 कुण्डों के उद्धार के लिए टाटा समूह और धर्म प्रचार संस्था ‘इस्कॉन’ आगे आए हैं। इनमें से टाटा समूह ने आठ कुण्डों और सात कुण्डों की जिम्मेदारी इस्कॉन ने ली है। पांच कुण्डों के जल शोधन का जिम्मा खुद एमवीडीए ने लिया है।

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सिंह ने बताया कि मथुरा जिले में कुल 2052 जल इकाइयां मौजूद हैं। इनमें से 288 इकाइयों का शुमार कुण्डों के तौर पर होता है। हालांकि इनमें से अधिकांश देखरेख के अभाव में जीर्ण शीर्ण अवस्था में हैं। इन कुण्डों के पानी की गुणवत्ता भी ठीक नहीं है। इनका धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व भी है।

उन्होंने बताया कि ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा इनमें से दो दर्जन प्राचीन कुण्डों का पुनरुद्धार कराया गया है। यह प्रक्रिया निरंतर जारी है। इसके साथ ही अब तीर्थ विकास परिषद ने ब्रज के इन प्राचीन कुण्डों का सौंदर्यीकरण करने व उनके जल की गुणवत्ता को सुधारने के लिए निजी संस्थाओं की मदद लेना शुरु किया है।

सिंह ने बताया कि इस प्रक्रिया में टाटा गुप के साथ इस्कॉन की मदद ली जा रही है। टाटा समूह ने गोवर्धन के मानसी गंगा, राधाकुण्ड, कृष्ण कुण्ड, अष्ठसखी कुध्ड, शांतनु कुण्ड, गरुड़ गोविंद कुण्ड व नरी सेमरी कुण्ड को गोद लिया है।

उन्होंने बताया कि इस्कॉन ने बरसाना के प्रिया कुण्ड सहित पावन सरोवर, वृषभानु कुण्ड, व्हिक कुण्ड, जल विहार कुण्ड, कृष्ण कुण्ड आदि कुण्डों को अपनाते हुए उनके पानी को आचमन योग्य बनाने की जिम्मेदारी ली है। इसके लिए एक विस्तृत कार्ययोजना भी तैयार कर ली गई है।

उन्होंने बताया कि मथुरा-वृन्दावन विकास प्राधिकरण ललिता कुण्ड, वृंदा कुण्ड, नारद कुण्ड, सौभरि कुण्ड एवं आट्स से सुनरख तक ड्रेन का सौंदर्यीकरण कर उनके जल को स्वच्छ बनाने का काम करेगा।

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TAGS: Tata Group, ISKCON, water of 15 ancient kunds, Braj, fit for drinking
OUTLOOK 30 December, 2024
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