प्रियंका गांधी का यूपी सरकार पर निशाना, बोलीं- जीरो टॉलरेंस वाले 'बड़ी मछलियों' के भ्रष्टाचार को कर रहे हैं ‘टॉलरेट'
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने रविवार को शिक्षा विभाग में कथित धोखाधड़ी को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हैरानी की बात है भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात करने वाले ''बड़ी मछलियों'' के भ्रष्टाचार को खूब टॉलरेट कर रहे हैं। ये सब भर्तियां किसके कार्यकाल में हुईं और अभी तक कैसे चलती रहीं।
मीडिया में अनामिका शुक्ला के नाम पर नौकरी हासिल करने का मामला सामने आने के बाद प्रियंका ने हमला करते हुए कहा कि जौनपुर और आजमगढ़ जिलों में ऐसा ही एक और मामला सामने आया है, जिसमें प्रीति यादव के नाम पर दो नौकरियां सुरक्षित हो गईं जबकि असली प्रीति यादव बेरोजगार हैं।
फर्जीवाड़े की भनक क्यों नहीं लगी
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने एक ट्वीट कर यूपी की योगी सरकार से शिक्षा विभाग में 'फर्जीवाड़े' पर सवाल किया है। प्रियंका ट्वीट में लिखा, शिक्षा विभाग में इतने बड़े-बड़े फर्जीवाड़े हो रहे हैं तो क्या विभाग के मंत्री की जानकारी में ये नहीं था। क्या मुख्यमंत्री कार्यालय को इसकी भनक भी नहीं लगी।
अनामिका शुक्ला का मामला आया था सामने
शनिवार को प्रियंका गांधी ने धोखाधड़ी के एक अन्य कथित मामले के बारे में ट्वीट किया था जिसमें मैनपुरी में दीप्ति सिंह के नाम पर एक नौकरी का फर्जीवाड़ा किया गया था। उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में 'अनामिका शुक्ला' के नाम से अलग-अलग टीचरों के नौकरी करने का फर्जीवाड़ा सामने आया है। इस मामले में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। त्तर प्रदेश में अनामिका शुक्ला नाम की शिक्षिका के 25 स्कूलों में एक साथ काम कर 1 करोड़ रुपये का वेतन लेने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इसके बाद से पुलिस ने ऐसी महिलाओं को पकड़ा है जो अनामिका शुक्ला के नाम पर इन स्कूलों में कार्यरत थीं।
घोटालों की खुल रहीं परतें
इससे पहले प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश की 69000 शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में योगी सरकार को निशाने पर लिया था। प्रियंका गांधी ने ट्वीट में यूपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि कस्तूरबा विद्यालय की नियुक्तियों में घोटाला सामने आने के बाद तो शिक्षा विभाग में अन्य घोटालों की परतें खुलने लगीं। अब परिषदीय विद्यालयों में फर्जी नियुक्तियों का मामला। नियुक्तियां 2018 में हुईं। दो साल तक ये सब चलता रहा। सच सामने आना चाहिए कि नहीं।