उत्तर प्रदेश: 'लव जिहाद' में हुई पहली गिरफ्तारी, पांच दिन पहले बरेली में दर्ज हुआ था मामला
उत्तर प्रदेश में लव जिहाद के आरोप में पहली गिरफ्तारी हो गई है। यहां बरेली जिले में 'लव जिहाद' का पहला मुकदमा दर्ज होने के बाद फरार चल रहे आरोपी उवैस को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पांच दिन पहले 28 नवंबर को बरेली के देवरनिया थाने में लव जिहाद का कानून बनने के बाद पहला मुकदमा दर्ज किया गया था। बुधवार को गिरफ़्तारी के बाद आरोपी को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
उवैस पर आरोप है कि वह एक हिन्दू लड़की को अपने प्रेमजाल में फंसाकर उस पर धर्मांतरण का दबाव बना रहा था। जिस कारण लड़की के पिता ने लॉकडाउन के दौरान ही उसकी दूसरी जगह शादी कर दी थी। लड़की की शादी हो जाने के बाद भी आरोपी उसे जान से मारने की धमकी दे रहा था।
इसके बाद 28 नवंबर को देवरनिया थाने में उवैस के विरुद्ध उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन 3/5 की धारा, आईपीसी की धारा 504, 506 में मुकदमा दर्ज किया गया था। जिसके बाद से पुलिस की टीमें आरोपी की तलाश में लगी हुई थीं। बुधवार को देवरनिया रेलवे फाटक के पास से आरोपी उवैस को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है उवैस कहीं भागने की फिराक में था।
उवैस को भारतीय दंड संहिता की धारा 504 (किसी व्यक्ति को अपमानित करने), 506 (आपराधिक धमकी देना) और उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 3/5 की धारा के तहत गिरफ्तार किया गया है।
गौरतलब है कि विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 को यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन ने पिछले शनिवार को मंजूरी दे दी थी। इसके कुछ घंटे बाद ही पहला मामला उवैस के विरुद्ध दर्ज किया गया था। इस अध्यादेश के तहत 'लव जिहाद' पर 10 साल तक की कठोर सजा का प्रावधान किया गया है। अध्यादेश के मुताबिक महज शादी के लिए यदि लड़की का धर्म बदला गया तो न सिर्फ ऐसी शादी अमान्य घोषित कर दी जाएगी, बल्कि धर्म परिवर्तन कराने वालों को 10 साल तक जेल की सजा भी भुगतनी पड़ सकती है। इस नए अध्यादेश के अनुसार उत्तर प्रदेश में बलपूर्वक, झूठ बोलकर, लालच देकर या अन्य किसी कपटपूर्ण तरीके से अथवा विवाह के लिए धर्म परिवर्तन गैर जमानती अपराध होगा।