Advertisement
29 July 2023

योगी सरकार प्रदेश को सुखा ग्रस्त घोषित कर आर्थिक मुआवजे का ऐलान करे: अजय कुमार लल्लू

उत्तर प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व विधायक अजय कुमार लल्लू ने उत्तर प्रदेश में बहुत कम बारिश होने के करण सुख के खतरे को देखते हुए योगी सरकार से पूरे प्रदेश को सुखा ग्रस्त घोषित कर एवं तत्काल आर्थिक मुआवजे के ऐलान की मांग की। लल्लू शनिवार को मीडिया से बात कर रहे थे।

अजय कुमार लल्लू ने कहा कि धान, बाजार, मक्का, गन्ना की पुरी की पूरी फैसले बारिश न होने के कारण सूख रही है, सूखने के कारण अत्यधिक फसलों को बहुत अधिक नुकसान होने की संभावना है।

पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि किसानों को अपनी खेतों में पेट्रोल एवं डीजल के रेट बढ़ाने के कारण अपने खेतों में पंपी सेट और ट्यूबेल के द्वारा पानी चलाने के कारण आर्थिक क्षति बहुत ज्यादा हो रही है।

Advertisement

अजय कुमार लल्लू ने कहा कि सरकार जल्दी से जल्दी किसानों के लिए जरूरी कदम उठाए, क्योंकि यूपी में बारिश न होने के चलते 51 जिलों में सूखे का खतरा मंडरा रहा है। इन जिलों में सामान्य से 40% से भी कम बारिश हुई है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि सामान्य वर्षा के सापेक्ष मात्र 62 प्रतिशत हुई बरसात ने उत्तर प्रदेश में सूखे जैसे हालात पैदा कर दिए हैं, इतनी बारिश धान की रोपाई के लिए भी पर्याप्त नहीं है। पिछले वर्ष की तुलना में 10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में रोपाई नहीं हो सकी है, खेत में पड़ चुकी सूखी दरारें और किसान के माथे की लकीर हालात बयां कर रही है।

यूपी में 13 जुलाई तक मात्र 76.60 मिलीमीटर बारिश हुई है, जो सामान्य वर्षा 199.70 मिलीमीटर से लगभग 62% कम है। आगरा, अलीगढ़, मुरादाबाद, अमरोहा, बिजनौर, मुजफ्फरनगर में ही सामान्य से अधिक बारिश हुई है। मौसम विभाग के जिलेवार आंकड़ों के अनुसार जुलाई में सबसे अधिक बारिश पश्चिमी यूपी में हुई है। इस में 206.3 मिलीमीटर की सामान्य औसत वर्षा के मुकाबले 249.2 मिमी बारिश हुई है।

जबकि मध्य यूपी में 239.8 मिमी की औसत सामान्य वर्षा के सापेक्ष 191.8 मिमी, बुंदेलखंड में 247.1 मिमी के सापेक्ष 149.4 और पूर्वी यूपी में 281.4 मिमी की सामान्य वर्षा के मुकाबले 161.6 मिमी बारिश रिकार्ड की गई है। यूपी में अब तक 58 हजार 500 हेक्टेयर के कुल धान के रकबे में से 47 हजार 990 हेक्टेयर में धान की रोपाई की जा चुकी है। अब रोपे गये इस धान को बचाने के लिए वर्षा जल की जरूरत है। मगर बारिश नहीं हो रही है। इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) वर्किंग ग्रुप की रिपोर्ट में कहा गया है, "भारत में चावल का उत्पादन 30 फीसदी कम हो सकता है, जबकि मक्के का उत्पादन 70 फीसदी कम हो सकता है।

गोरखपुर-बस्ती मंडल में इस मानसून में अब तक काले बादलों ने उम्मीदों पर पानी ही फेरा है। दोनों मंडलों में सामान्य से बहुत कम बारिश हुई है। सबसे खराब स्थिति कुशीनगर की है, इस जिले में अब तक सामान्य से 70 फीसदी कम बारिश हुई है। गोरखपुर में सामान्य से करीब 47 प्रतिशत कम बारिश हुई है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Uttar Pradesh, Yogi government, drought, financial compensation, Ajay Kumar Lallu
OUTLOOK 29 July, 2023
Advertisement