उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का ऐलान: सही समय पर लूंगा रिटायरमेंट, लेकिन कब?
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने गुरुवार, 10 जुलाई 2025 को कहा कि वह सही समय पर रिटायर होंगे। उन्होंने यह बयान नई दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में भारतीय ज्ञान प्रणाली (IKS) के पहले वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए मजाकिया अंदाज में दिया। धनखड़ ने कहा, “मैं अगस्त 2027 में रिटायर होऊंगा, बशर्ते ईश्वरीय हस्तक्षेप न हो।” उनका पांच साल का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 को समाप्त होगा।
धनखड़ ने इस मौके पर भारत की बौद्धिक और सांस्कृतिक विरासत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत का वैश्विक शक्ति के रूप में उदय तभी सार्थक होगा, जब यह अपनी मूल सोच और सांस्कृतिक गौरव के साथ हो। उन्होंने पश्चिमी विचारों को सार्वभौमिक मानने और भारतीय ज्ञान को पुराना समझने की प्रवृत्ति की आलोचना की। धनखड़ ने कहा कि भारत की ताकत उसकी मौलिक सोच और स्थायी मूल्यों में निहित है।
उन्होंने ऐतिहासिक बाधाओं का जिक्र करते हुए कहा कि इस्लामी आक्रमण ने भारतीय विद्या परंपरा को पहला झटका दिया था। उन्होंने यह भी कहा कि यूरोप के विश्वविद्यालयों से पहले भारत के विश्वविद्यालय ज्ञान के केंद्र के रूप में स्थापित थे। धनखड़ ने देश के भीतर और बाहर के दुश्मनों का जिक्र किया, जो भाषा जैसे मुद्दों पर देश को बांटने की कोशिश करते हैं।
जगदीप धनखड़, जो एक वरिष्ठ वकील और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल रह चुके हैं, को बीजेपी नीत एनडीए ने उपराष्ट्रपति के रूप में चुना था। इससे पहले, उन्होंने कोच्चि में नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ एडवांस्ड लीगल स्टडीज में संविधान की प्रस्तावना को अपरिवर्तनीय बताते हुए आपातकाल में इसमें ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द जोड़े जाने को ‘सनातन भावना के लिए अपवित्र’ कहा था।
उनके इस बयान ने राजनीतिक बहस को जन्म दिया है। धनखड़ का यह रुख उनकी स्वतंत्र सोच और भारतीय मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उनकी रिटायरमेंट की घोषणा और विचार देश में सांस्कृतिक और बौद्धिक बहस को और तेज कर सकते हैं।