वक्फ भूमि विवाद: मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा, किसी भी किसान को बेदखल नहीं किया जाएगा
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने मंगलवार को कहा कि विजयपुरा जिले में किसी भी किसान को उसकी जमीन से बेदखल नहीं किया जाएगा, तथा उन्हें जारी किए गए नोटिस वापस ले लिए जाएंगे।
विजयपुरा जिले के किसानों के एक वर्ग ने आरोप लगाया है कि उनकी जमीन को वक्फ संपत्ति के रूप में चिह्नित किया गया है।
सिद्धरमैया ने कहा, “किसी भी किसान को उसकी जमीन से बेदखल नहीं किया जाएगा। कल राजस्व मंत्री (कृष्णा बायरे गौड़ा), एम बी पाटिल (उद्योग और विजयपुरा जिले के प्रभारी मंत्री) और वक्फ मंत्री जमीर अहमद खान ने संयुक्त रूप से कहा है कि विजयपुरा के किसी भी किसान को उसकी जमीन से बेदखल नहीं किया जाएगा।’’
यादगीर और धारवाड़ जिलों में भी किसानों को इसी तरह के नोटिस जारी किए जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा, “मैं राजस्व मंत्री से इस पर गौर करने को कहूंगा, कहीं भी किसानों को बेदखल नहीं किया जाएगा।”
टिकोटा तालुक के होनावडा में 1,200 एकड़ जमीन को वक्फ संपत्ति के रूप में चिह्नित किए जाने को लेकर “भ्रम” को स्पष्ट करने की कोशिश करते हुए, एमबी पाटिल ने हाल में कहा था कि यह एक “त्रुटि” के कारण था।
इससे पहले कर्नाटक के उद्योग मंत्री एम.बी पाटिल ने मंगलवार को भाजपा पर गलत सूचना के जरिए “फर्जी हिंदू प्रेम” का प्रचार करने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि वक्फ बोर्ड ने 2019 से 2022 के बीच विजयपुरा जिले में किसानों को नोटिस भेजे थे, जब भाजपा सत्ता में थी।
पाटिल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर भाजपा शासन के दौरान जारी किए गए नोटिसों की प्रतियां पोस्ट की तथा विपक्षी दल की आलोचना करते हुए कहा कि वह अपने कार्यकाल के दौरान राज्य के विकास पर ध्यान देने के बजाय “विभाजनकारी राजनीति” में लिप्त रही।
मंत्री ने कहा, “उन्होंने (भाजपा ने) सत्ता में रहते हुए हिजाब, हलाल और ‘उरीगौड़ा-नंजेगौड़ा’ जैसे मुद्दों पर लोगों को गुमराह किया और अब वे उसी हथकंडे को जारी रखे हुए हैं। मनगढ़ंत विमर्श के ज़रिए जनता को गुमराह करने की उनकी कोशिशें अब कामयाब नहीं होंगी।”
उन्होंने कहा कि भाजपा ने वक्फ मुद्दे पर अपनी तथ्यान्वेषी समिति का पुनर्गठन किया है, जिसे शुरू में पार्टी अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने पार्टी नेता बसनगौड़ा पाटिल यतनाल की तीखी आलोचना के बाद गठित किया था। एम बी पाटिल ने कहा कि यतनाल और सांसद रमेश जिगाजिनागी को समिति में शामिल करना दिखावटी प्रतीत होता है, जो पार्टी के भीतर आंतरिक संघर्ष को दर्शाता है।
उन्होंने भाजपा को चुनौती दी कि वह स्पष्ट करे कि उसकी सरकार के दौरान किसानों को नोटिस क्यों जारी किए गए।
इससे पहले दिन में विजयेंद्र ने संवाददाताओं से बातचीत में भाजपा पर राजनीति करने का आरोप लगाने को लेकर सत्तारूढ़ कांग्रेस पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा, “ किसानों की पुश्तैनी जमीन को अचानक वक्फ की संपत्ति बता दिया गया, किसान सड़कों पर उतर आएंगे, उन्हें क्या करना चाहिए....कांग्रेस अल्पसंख्यकों को खुश करने और धर्म के नाम पर देश को बांटने में लगी है, वे यह काम लंबे समय से करते आ रहे हैं। वे ज़मीर अहमद खान (वक्फ मंत्री) के नेतृत्व में राज्य में आग भड़काने की कोशिश कर रहे हैं।”
विजयेंद्र ने दावा किया कि मंत्री ने खुद स्वीकार किया है कि 120 किसानों को नोटिस जारी किए गए थे।
उन्होंने कहा, “अगर भाजपा ने इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया होता तो किसान सड़कों पर उतर आते। जब हमने यह मुद्दा उठाया तो उन्होंने कार्य बल का गठन किया और किसानों से उपायुक्त से संपर्क करने को कहा।”
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पूर्व उपमुख्यमंत्री गोविंद करजोल के नेतृत्व में पार्टी द्वारा गठित एक टीम विजयपुरा जिले में पहुंच गई है।