क्या लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में मतदान केंद्रों पर हुआ है कब्जा? 900 से अधिक शिकायतें मिलीं
सरकार ने बृहस्पतिवार को बताया कि हाल में हुए संसदीय चुनाव और विधानसभा चुनावों के दौरान मतदान केंद्रों पर कब्जा करने की 925 शिकायतें मिलीं, जिनमें से सबसे अधिक 875 शिकायतें पश्चिम बंगाल से प्राप्त हुईं।
विधि और कानून राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने चुनाव आयोग (ईसी) द्वारा साझा किए गए आंकड़ों का हवाला देते हुए राज्यसभा को बताया कि मतदान केंद्रों पर कब्जा करने के मामलों में 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि अरुणाचल प्रदेश से एक शिकायत प्राप्त हुई थी, जहां हाल ही में लोकसभा और राज्य विधानसभा के लिए एक साथ चुनाव हुए थे और दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
चुनाव आयोग द्वारा की गई कार्रवाई का हवाला देते हुए, उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को नए सिरे से चुनाव कराने का निर्देश दिया गया था और संबंधित निर्वाचन अधिकारी को जांच शुरू करने का निर्देश दिया गया था। पूर्वी कामेंग जिले के खेनवा पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था। उन्होंने कहा कि मामले की जांच चल रही है और एक व्यक्ति अभी भी न्यायिक हिरासत में है।
उन्होंने बताया कि बिहार में 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान मतदान केंद्रों पर कब्जे की 47 शिकायतें दर्ज की गईं। इसके अलावा, 2019 के लोकसभा चुनाव में 50 और 2020 में राज्य विधानसभा चुनाव के दौरान 13 ऐसी शिकायतें प्राप्त हुईं। सत्यापन के बाद सभी शिकायतें झूठी पाई गईं और उनका निपटारा कर दिया गया।
मेघवाल ने चुनाव आयोग के हवाले से बताया कि ओडिशा में हाल ही में एक साथ हुए लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान कुल दो शिकायतें प्राप्त हुईं और 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा, कंटामल विधानसभा सीट के तहत दो मतदान केंद्रों - किरासीरांद और महेश्वरपिंडा पर पुनर्मतदान सफलतापूर्वक कराया गया।
उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल में इस साल लोकसभा चुनाव के दौरान मतदान केंद्रों पर कब्जा करने की 875 शिकायतें प्राप्त हुईं। ‘‘ कोई मामला साबित नहीं हुआ, इसलिए संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी और पुलिस अधीक्षक या पुलिस आयुक्त की रिपोर्ट के अनुसार शिकायतों का निपटारा कर दिया गया।’’